रायपुर। छत्तीसगढ़ में अचल संपत्तियों के बाजार मूल्य निर्धारण से जुड़ी नई गाइडलाइन दरें 20 नवंबर 2025 से प्रभावशील होंगी। इस संबंध में पंजीयन महानिरीक्षक एवं अधीक्षक मुद्रांक कार्यालय ने सभी कलेक्टर सहित संबंधित अधिकारियों को आधिकारिक पत्र जारी किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जमीन की नई गाइडलाइन दरों में शहरी क्षेत्रों में 150 से 400 प्रतिशत बढ़ाई गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर 25 साल पुराने जमीन गाइडलाइन मूल्य निर्धारण में बड़ा बदलाव किया गया है। इससे रजिस्ट्री की प्रक्रिया आसान होगी। वहीं भ्रम, विसंगतियां व अतिरिक्त शुल्क भी समाप्त होंगे, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी।

गाइडलाइन दरों की गणना इन नियमों के अनुसार की जाती है, जैसे मुख्य मार्ग की दूरी क्या होगी, कौन से तल में होने पर कितना वैल्यूएशन होगा, किन-किन परिस्थितियों में कितने कितने मूल्य बढ़ेंगे आदि। इन नियमों के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री के समय बाजार मूल्य का आकलन किया जाता है। गाइडलाइन दरों के निर्धारण संबंधी ये नियम वर्ष 2000 से बने हुए थे। इनमें कोई परिवर्तन या संशोधन नहीं हुआ था।
वर्तमान नियमों में कई विसंगतियां थीं, जिसके कारण संपत्ति के बाजार मूल्य की वास्तविक और तार्किक रूप से गणना नहीं हो पाती थी। जैसे मुख्य मार्ग के आधार पर गाइडलाइन दरों की गणना का प्रावधान था, लेकिन इस पूरी गाइडलाइन में कहीं भी मुख्य मार्ग को परिभाषित नहीं किया गया था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर गाइडलाइन संबंधी नियमों के पुनरीक्षण के लिए उद्देश्य निर्धारित किया गया था कि इन नियमों को सरल व संक्षिप्त और जनहितैषी बनाया जाए। साथ ही इसमें मानवीय हस्तक्षेप को कम करते हुए प्रक्रिया को सॉफ्टवेयर द्वारा स्वमेव लागू होने लायक प्रावधान तैयार किया जाए। इन उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए नए जारी बाजार मूल्य गणना संबंधी उपबंध 2025 में कई मुख्य प्रावधान किए गए हैं।

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