Rajasthan Cabinet: जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण नीतियों को हरी झंडी मिली. बैठक के बाद मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि सरकार का जोर रोजगार बढ़ाने, औद्योगिक निवेश तेज करने और युवाओं के कौशल विकास को आधुनिक दिशा देने पर है.

ग्लोबल कैपेसिटी पॉलिसी को मंजूरी

कैबिनेट ने राजस्थान ग्लोबल कैपेसिटी पॉलिसी 2025 को स्वीकृति दी. इस नीति का मकसद निवेश, उत्पादन और उच्च स्तरीय स्किल ट्रेनिंग को एक ही फ्रेमवर्क में जोड़ना है. नई पॉलिसी के तहत राज्य विदेशी और घरेलू कंपनियों को निवेश और तकनीकी प्रशिक्षण की सहज सुविधा देगा. सरकार का कहना है कि इससे हजारों रोजगार अवसर बनेंगे और राजस्थान मैन्युफैक्चरिंग और टेक सेक्टर में एक मजबूत खिलाड़ी बनकर उभरेगा. जयपुर, उदयपुर और जोधपुर को पॉलिसी के प्रमुख हब के रूप में विकसित किया जाएगा.

प्रवासी राजस्थानी विभाग का गठन

कैबिनेट ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रवासी राजस्थानी विभाग बनाने पर सहमति दी. इसका उद्देश्य दूसरे राज्यों और विदेशों में बसे राजस्थानियों को राज्य की नीतियों, निवेश विकल्पों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सीधे जोड़ना है. यह विभाग शिकायत निवारण, एक्सचेंज प्रोग्राम, प्रवासी राजस्थानी दिवस और सम्मान समारोह जैसे कार्यक्रम संचालित करेगा. प्रवासी राजस्थानी संगठनों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक पोर्टल भी शुरू किया जाएगा.

ऊर्जा और शिक्षा से जुड़े फैसले

  • राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी के बीच संयुक्त उपक्रम बनाने का निर्णय.
  • राज्य में 9600 करोड़ रुपये की लागत से 800 मेगावाट की कोयला आधारित ताप विद्युत परियोजना स्थापित होगी.
  • 6000 करोड़ रुपये की लागत से 1500 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं शुरू की जाएंगी.
  • बीकानेर के पूगल क्षेत्र और चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा में सौर परियोजनाओं के लिए जमीन आवंटित.

कॉलेजों के नामकरण को मंजूरी

सिरोही जिले के दो राजकीय महाविद्यालयों के नाम दानदाताओं के नाम पर किए जाएंगे जिसके तहत राजकीय महाविद्यालय कालंद्री का नाम संघवी हीराचंदजी फूलचंदजी राजकीय महाविद्यालय कालंद्री एवं राजकीय महाविद्यालय कैलाश नगर का नाम मातुश्री पुरीबाई पुनमाजी माली टोरसो राजकीय महाविद्यालय कैलाश नगर किए जाने का फैसला लिया गया है.

उद्योग और सेवाओं को प्रोत्साहन

IT, फाइनेंस, टेक्नोलॉजी और प्रोसेस मैनेजमेंट से जुड़ी कंपनियों के लिए सरकार एकीकृत सहयोग, प्रोत्साहन और तेज अनुमतियों की व्यवस्था लागू करेगी.

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