आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। आंध्र प्रदेश में पिछले दो दिनों से चल रहे व्यापक नक्सल उन्मूलन अभियान ने माओवादी संगठन की रीढ़ हिला दी है। लगातार 48 घंटे से जारी इस बड़े ऑपरेशन में अब तक 13 नक्सली ढेर किए जा चुके हैं, जिनमें सबसे बड़ा नाम है केंद्रीय कमेटी मेंबर, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सचिव और बटालियन-1 के कमांडर माडवी हिडमा।


हिडमा की पत्नी राजे समेत कुल 6 नक्सलियों के शव कल सुरक्षा बलों ने जंगल से बरामद किए। वहीं 19 नवंबर को 7 माओवादियों के शव मिले थे, जिनमें प्रमुख नाम है टेक शंकर, जो स्टेट कमेटी मेंबर के रूप में सक्रिय था। और बस्तर में भी इसका सक्रियता रही है। सिर्फ एनकाउंटर ही नहीं आंध्र प्रदेश पुलिस ने इन दो दिनों में अलग-अलग क्षेत्रों से 50 नक्सलियों को गिरफ्तार भी किया है। यानी कुल मिलाकर 63 नक्सली संगठन से बाहर हुए, जो माओवादी तंत्र के लिए भारी झटका माना जा रहा है।
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि मुठभेड़ में ढेर नक्सलियों में यदि कोई बस्तर क्षेत्र का निवासी पाया जाता है, तो उस हिसाब से विधिक कार्रवाई की जाएगी। वहीं गिरफ्तार 50 माओवादियों का पूरा विवरण आंध्र प्रदेश पुलिस से मंगवाया जा रहा है, ताकि उनके मूल स्थान और गतिविधियों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सके। आईजी ने बताया कि लगातार अभियान के कारण माओवादी संगठन बुरी तरह कमजोर हो चुका है अब तक 450 से अधिक नक्सलियों के शव अलग-अलग ऑपरेशनों में बरामद किए जा चुके हैं। 2 हजार से ज्यादा नक्सली हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। माओवादी संगठन का क्षेत्रफल और बल-स्तर दोनों तेजी से घट रहा है। इसके बावजूद, कुछ सक्रिय कैडर अब भी जंगल में छिपकर जनता की जान-माल को नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं।
आईजी सुंदरराज ने कहा कि ऐसे सभी कैडर की जानकारी इकट्ठा की जा रही है और उन्हें भी साफ संदेश है मुख्यधारा में लौटें, वरना अभियान लगातार और सख्ती से जारी रहेगा। बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने यह भी स्पष्ट किया कि अब पूरे बस्तर क्षेत्र में करीब डेढ़ सौ के आसपास ही नक्सली बचे हैं, जिन पर फोर्स की पैनी नजर है।
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