उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कार की डिलीवरी समय पर न किए जाने के 12 साल पुराने मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वितीय ने बड़ा फैसला सुनाया है.

आयोग ने कार कंपनी को आदेश दिया है कि वह परिवादिनी सुनीता त्रिवेदी को 9% वार्षिक ब्याज के साथ 1 लाख रुपये क्षतिपूर्ति और 5,000 रुपये वाद व्यय अदा करे.

आदेश में यह भी कहा गया कि 30 दिन के भीतर भुगतान न होने पर दोनों राशियों पर 12% वार्षिक ब्याज लागू होगा.

मामला 2013 का है, जब सुनीता त्रिवेदी ने 50 हजार रुपये देकर कैरोला एल्टिस कार बुक कराई थी और बाद में 16.50 लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया था. डिलीवरी की तारीख बीत जाने पर कंपनी ने बताया कि कार रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त हो गई है.

नई कार 7 मार्च 2013 को दी गई, लेकिन तय 40 हजार रुपये का डिस्काउंट भी नहीं दिया गया. 12 नवंबर 2025 को आयोग ने सुनीता त्रिवेदी के पक्ष में फैसला सुनाया.

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