पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। जिले के मैनपुर ब्लॉक में ट्राइबल और शिक्षा विभाग के बीच हो रही खींचतान में स्कूली बच्चों के सुविधाओं पर असर पड़ रहा है। बजाड़ी पंचायत के आश्रित पारा नयापारा प्राथमिक शाला को पालक चंदा कर पूर्ण कर रहे हैं। यहां स्कूल जतन के तहत 2022 में अतिरिक्त भवन के लिए 14 लाख की मंजूरी मिली थी। काम की शुरुआत ट्राइबल विभाग की देखरेख में हुई। निर्माण कार्य पूर्ण होने से पहले ही 80 फीसदी रकम ठेकेदार को आहरण करा दिये गए। जिम्मेदार अफसरों ने निर्माण की फाइल में भवन को पूर्ण दिखाने सामने के दीवारों की रंगाई पुताई करवा दिया। जतन योजना का सिम्बोल लगाया और पूर्ण बता दिया। अब जब पालक भवन निर्माण के अधूरे कार्य को पूर्ण करने आपस में चंदा शुरू किए तो निर्माण की कलाई खुली।


ठेकेदार बोला, ‘जहां खर्च करना था कर दिए, अब कोई काम नहीं हो सकता’, अब चंदा से भवन पूर्ण कर रहे ग्रामीण
ग्राम के उपसरपंच नरमल नागेश ने बताया कि गांव में 45 बच्चे पढ़ाई करते हैं, जो वार्ड 5 स्थित पुराने स्कूल में पढ़ने जाते हैं। नए भवन वार्ड 12 में है, साल भर से काम बंद पड़ा है। सामने की दीवार की पुताई की गई है, देखने में पूर्ण लगेगा, लेकिन अंदर खिड़की-दरवाजे नहीं लगाए गए। फ्लोरिंग और प्लास्टर का काम भी अधूरा है। गांव में पालतू कुत्तों का प्रकोप बढ़ गया। वार्ड 5 स्थित स्कूल दूर पड़ता है। भय के चलते कई दिनों से स्कूली बच्चे नहीं जा रहे हैं। जिसके बाद नए अधूरे भवन को पूर्ण करने के लिए चंदा किया है। पालकों से 500 रुपये एकत्र कर रहे हैं। अभी तक 4 दरवाजे लगाए, फ्लोरिंग का काम भी किया गया। 40 हजार खर्च हुए लेकिन 15 हजार एकत्र हुए हैं। आगे पालकों से मिलने के बाद पुताई करेंगे। लेकिन दो-तीन दिन के भीतर नए भवन में स्कूल लगवा कर रहेंगे। इसके लिए प्रशासन को कई बार लिखित आवेदन दिया गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ठेकेदार फोन तक नहीं उठाता। पहले बात की तो कहता है जहां तक जाना है, चले जाओ। खर्च जहां करना था कर लिए। अब कोई काम नहीं होगा।

80 फीसदी खर्च पर 80 फीसदी भवन का काम अधूरा,बड़ा सवाल रुपये कहा गए?
मैंनपुर ब्लॉक में 114 कामों के लिए 16 की मंजूरी मिली थी। इनमें से अब भी 97 कार्य अधूरे हैं, किन्तु 994.84 लाख खर्च कर दिए गए। नयापारा की तरह मगर रोड़ा, देवडोंगर, जयंती नगर समेत वनांचल क्षेत्र के 60 से ज्यादा स्कूल भवन हैं, जिनका फिनिशिंग कार्य बाकी है। बताया जाता है कि 9 टेंडर के बाद भी मैनपुर ब्लॉक में कोई काम नहीं ले रहा था। ऐसे में ट्राइबल डिपार्टमेंट को काम दिया गया। शुरुआती दौर में काम तेजी से चलता रहा, लेकिन बाद में शिक्षा विभाग ने पैसे देना बंद कर दिया। पिछले एक साल से शिक्षा विभाग 6 करोड़ रुपये रोक के रखा है, जिसके कारण अधूरे भवन को पूरा नहीं किया जा रहा है।

जिम्मेदार मौन रहे, जिला पंचायत अध्यक्ष बोले- एफआईआर दर्ज की मांग करूंगा
पूर्ववर्ती सरकार ने स्कूल जतन के रुपये शिक्षा विभाग को दिए। शिक्षा विभाग ने निर्माण अथवा मरम्मत के लिए आरईएस और ट्राइबल विभाग को एजेंसी बनाया। काम की निगरानी के लिए तत्कालीन कलेक्टर ने समिति भी बनाई थी। फिर सबमिट किए गए प्रोग्रेस रिपोर्ट की क्रॉस चेकिंग के लिए अन्य विभाग के अफसरों को भी ग्राउंड पर भेजा। कमेटियों की रिपोर्ट भले जो भी आई हो, पर एजेंसी डिपार्टमेंट ने जो बताया उसी को सही मानकर करोड़ों का वारा-न्यारा कर दिया गया। ठेकेदार लाल हुए और रफू चक्कर हो गए। जिम्मेदार अफसरों ने भी चुप्पी साध ली। जिसके चलते नयापारा जैसे कई स्कूलों को पूर्ण कराने अब पालकों को जद्दोजहद उठानी पड़ रही है।

मामले की शिकायत अब जिला पंचायत अध्यक्ष गौरी शंकर कश्यप तक पहुंची। उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है। शासन की छवि धूमिल हो रही है। जिला पंचायत बैठक में जतन योजना की सूक्ष्म जांच के लिए समिति गठित करने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा। दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की जाएगी।
बीआरसीसी मैंनपुर शिव कुमार नागे ने कहा कि जहां भवन की जरूरत थी, उसकी सूची मांगी गई। मंजूरी मिलने पर कार्य एजेंसी को दूसरे विभाग से बनाया गया। समय-समय पर रिपोर्ट मांगे जाने पर संकुल समन्वयकों से रिपोर्ट तैयार की गई है। इसके मुताबिक, स्वीकृत 114 कार्यों में से केवल 17 पूर्ण हैं। 97 कार्य आज भी अधूरे हैं। काम कहीं भी चालू नहीं है। रिपोर्ट उच्च कार्यालय को भेज दी गई है।
डीईओ बोले पैसा रिलीज होने के बावजूद काम नहीं हो रहा
मामले में जिला शिक्षा अधिकारी जगजीत सिंह धीर ने कहा कि चंदा लेकर अधूरे काम को पूरा कर रहे यह जानकारी आपके पता चल रही है, दिखावटी है। दो साल से पैसे रिलीज होने के बाद भी निर्माण अधूरा है, जिसकी जानकारी हर बार बैठक में उच्च अधिकारियों को दी जा रही है। क्या कार्रवाई होगी, क्यों नहीं हो रही है, इसकी जानकारी वही बता सकते हैं। सवाल से झल्लाए अफसर ने कहा कि इसके अलावा और क्या बताऊं कि आप संतुष्ट हो सकेंगे।
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