अमित पांडेय, खैरागढ़। नगर पालिका परिषद खैरागढ़ में नीलामी के नाम पर हुए बड़े घोटाले का खुलासा लल्लूराम डॉट कॉम की पड़ताल के बाद साफ-साफ सामने आया है। दस्तावेजों की जांच में यह पता चला कि साल 2022–23 की पहली नीलामी में दुकानों पर 1.48 करोड़ रुपये की बोली लगी थी, लेकिन रकम जमा न करने वाले बकायादारों को ही 2025 में दोबारा पात्र मानकर दुकानें आधी कीमत पर दे दी गईं। इस मनमानी से नगर पालिका को करीब 64.77 लाख रुपये का सीधा नुकसान हुआ।
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लल्लूराम डॉट कॉम में खबर छपते ही मामला शहर में सुर्खियों में आ गया। बढ़ते दबाव के बीच शिकायत कलेक्टर से लेकर नगरीय प्रशासन विभाग रायपुर तक पहुंची। दोनों नीलामियों की तुलना में स्पष्ट हुआ कि न सिर्फ राजस्व में बड़ी कमी की गई, बल्कि नीलामी नियमों की कंडिका 05 का भी सीधा उल्लंघन हुआ। नियम कहता है कि पिछली नीलामी में राशि जमा न करने वाले लोग दोबारा पात्र नहीं हो सकते, लेकिन खैरागढ़ में इन्हें दोबारा मौका दिया गया। शहर में उठ रही नाराज़गी के बीच नगर पालिका ने नीलामी को रद्द कर दिया।
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इसके बाद शासन ने तत्काल जांच कराई, जिसमें सीएमओ कोमल ठाकुर और सहायक राजस्व निरीक्षक की अनियमितता और लापरवाही प्रमाणित हो गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने दोनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, दुर्ग रखा गया है।
लल्लूराम डॉट कॉम की पड़ताल ने न सिर्फ नीलामी की गड़बड़ी उजागर की, बल्कि सरकार को भी मामले में कठोर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। शहर में इसे पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में महत्वपूर्ण कार्रवाई माना जा रहा है।

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