World Boxing Cup 2025: विश्व मुक्केबाजी कप में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए देश का सर गर्व से ऊँचा कर दिया है। 48 किलोग्राम भार वर्ग में मीनाक्षी हुड्डा और 54 किलोग्राम वर्ग में प्रीति पवार ने फाइनल मुकाबले जीतकर स्वर्ण पदक अपने नाम किए। दोनों मुक्केबाज़ों ने पूरे टूर्नामेंट में दबदबे वाला प्रदर्शन किया और अपने-अपने फाइनल मैच सर्वसम्मत निर्णय (5-0) से जीते।
मीनाक्षी हुड्डा ने रचा इतिहास, 48 किग्रा वर्ग में जीता गोल्ड
भारत की उभरती स्टार मुक्केबाज मीनाक्षी हुड्डा ने फाइनल में उज्बेकिस्तान की फोज़िलोवा फरजोना को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से मात देकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। शुरुआत से ही आक्रामक रुख में नजर आईं मीनाक्षी ने पहले राउंड से लीड बनाई और अंत तक इसे बरकरार रखा। उनके त्वरित पंच, लगातार मूवमेंट और रिंग में शानदार रणनीति के आगे विपक्षी खिलाड़ी टिक नहीं सकी।
जीत के बाद मीनाक्षी ने कहा, “मैं इस टूर्नामेंट के लिए बेहद उत्साहित थी क्योंकि यह भारत में हो रहा था। हमने ठान लिया था कि पूरी मेहनत करेंगे और देश का नाम रोशन करेंगे। सभी बाउट 5-0 से जीतने की खुशी है। वर्ल्ड चैंपियन बनना आसान है, लेकिन उसे बनाए रखना बहुत मुश्किल। सभी का फोकस मेरे ऊपर था, लेकिन मैं खुश हूं कि देश के लिए एक और गोल्ड ला सकी।”
छोटी उम्र से शुरू हुई थी बॉक्सिंग, ITBP की नौकरी ने बदली जिंदगी
आपको बता दें कि हरियाणा के रोहतक जिले के एक छोटे से गांव रुड़की में 2 अगस्त 2001 को जन्मी मीनाक्षी का परिवार बेहद साधारण है और उनके पिता आज भी ऑटो चलाते हैं। मीनाक्षी ने मात्र 12 साल की उम्र में बॉक्सिंग की ट्रेनिंग शुरू की थी। लगातार बेहतर खेल के दम पर उन्होंने 2019 में यूथ नेशनल्स में गोल्ड और 2021 में सीनियर नेशनल्स में सिल्वर जीता। 2022 एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल के बाद उन्हें ITBP में नौकरी मिली, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया।
उज्बेक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ उनके फाइनल प्रदर्शन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मीनाक्षी देश की सबसे भरोसेमंद मुक्केबाजों में से एक हैं।
प्रीति और अरुंधति ने भी दिखाया दम
मीनाक्षी के अलावा 54 किलोग्राम वर्ग में भारत के लिए प्रीति पवार ने गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 2025 वर्ल्ड ब्रॉन्ज मेडलिस्ट इटली की सिरिन चराबी को मात देकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। चोट और खराब फॉर्म से जूझ रही प्रीति ने इस टूर्नामेंट के जरिए दमदार वापसी की है।
प्रीति ने कहा, “मैंने फिर से लय पा ली है और खुद को पहले से ज्यादा मजबूत महसूस कर रही हूं। मेरा अगला लक्ष्य 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक है और मैं उसके लिए पूरी तैयारी कर रही हूं।” उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल और 2026 के एशियाई खेल उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
मीनाक्षी और प्रीति के बाद भारत के लिए तीसरा गोल्ड मेडल 70 किलोग्राम वर्ग में अरुंधति चौधरी ने जीता। अरुंधति ने उज्बेकिस्तान की अजीजा जोकिरोवा को मात देकर भारत के लिए इस प्रतियोगिता में गोल्ड की हैट्रिक पूरी की। भारत के 15 मुक्केबाजों ने फाइनल में जगह बनाई थी। अब अगले सत्र में निकहत जरीन और जैस्मीन लम्बोरिया पर सभी की नजरें हैं ।
भारत की मुक्केबाजी में नई चमक
विश्व मुक्केबाजी कप में भारतीय खिलाड़ियों की यह जीत न सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारतीय बॉक्सिंग के बढ़ते स्तर का भी प्रमाण है। घरेलू दर्शकों के सामने जीत हासिल करने से आत्मविश्वास और प्रेरणा दोनों मिलती है।
मीनाक्षी, प्रीति और अरुंधति की यह डबल गोल्ड जीत आने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिए शुभ संकेत मानी जा रही है। देश भर में खेल प्रेमियों ने इन दोनों चैंपियनों को बधाई दी है और आने वाले वर्षों में उनसे और बड़ी उपलब्धियों की उम्मीद की जा रही है।
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