रायपुर। बढ़ते साइबर और वित्तीय अपराधों के मद्देनज़र छात्रों और पेशेवरों को जागरूक करने के उद्देश्य से सीआईआरसी ऑफ आईसीएआई की रायपुर ब्रांच (सिकासा) द्वारा एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर (एमएमटीटीसी) तथा पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का आयोजन पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट परिसर में किया गया, जिसकी अवधि सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक रही।

सेमिनार का उद्देश्य वित्तीय धोखाधड़ी, साइबर अपराध, डिजिटल पेमेंट फ्रॉड और कॉर्पोरेट छेड़छाड़ जैसे बढ़ते खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनसे बचाव के प्रभावी उपायों को समझाना था।

मुख्य अतिथि ने बढ़ती वित्तीय साक्षरता की आवश्यकता बताई

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ल रहे। अपने संबोधन में उन्होंने वित्तीय साक्षरता और सतर्कता को समय की महत्वपूर्ण मांग बताया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी डिजिटल स्पेस का अधिकाधिक उपयोग कर रही है, ऐसे में शैक्षणिक संस्थानों और प्रोफेशनल निकायों को मिलकर उन्हें वित्तीय अपराधों से सुरक्षित रखने के लिए शिक्षा और मार्गदर्शन प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है।

विशेषज्ञ का ‘फाइनेंशियल फ्रॉड प्रिवेंशन’ पर तकनीकी सत्र

तकनीकी सत्र का संचालन फॉरेंसिक अकाउंटिंग और वित्तीय अपराध रोकथाम के विशेषज्ञ सीए लविश मथानी द्वारा किया गया। उन्होंने विस्तार से साइबर फ्रॉड, पहचान चोरी, डिजिटल पेमेंट से जुड़े धोखाधड़ी, कॉर्पोरेट छेड़छाड़ और अन्य वित्तीय अनियमितताओं के तरीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने वास्तविक केस स्टडी के माध्यम से प्रतिभागियों को धोखाधड़ी की पहचान, रोकथाम की रणनीतियाँ और वर्तमान नियामकीय प्रावधानों के बारे में व्यावहारिक जानकारी दी, जिससे छात्रों और पेशेवरों को प्रामाणिक मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

वरिष्ठ शिक्षकों व अधिकारियों का मार्गदर्शन

कार्यक्रम का संचालन एमएमटीटीसी की निदेशक प्रो. प्रीति के. सुरेश, पीआरएसयू के प्रॉक्टर प्रो. ए. के. श्रीवास्तव तथा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक प्रो. जी. के. देशमुख के मार्गदर्शन में किया गया। रायपुर ब्रांच के चेयरमैन सीए विकास गोलछा, सचिव सीए रवि जैन और सिकासा चेयरमैन सीए ऋषिकेश यादव भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। उन्होंने छात्रों से खुले संवाद में अपने अनुभव साझा किए और वित्तीय धोखाधड़ी से सचेत रहने के लिए प्रेरित किया।

आगे संयुक्त कार्यक्रमों के आयोजन का प्रस्ताव

सेमिनार के दौरान आईसीएआई रायपुर द्वारा आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, वित्तीय और टैक्स साक्षरता तथा करियर काउंसलिंग से जुड़े संयुक्त कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव भी रखा गया, जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने सकारात्मक रूप से स्वीकार किया और शीघ्र ही ऐसे कार्यक्रम आगे बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की।

सक्रिय सहभागिता और सफल समन्वयन

इस आयोजन का सफल समन्वयन पारुल अग्रवाल और विभा वर्मा द्वारा किया गया। सिकासा रायपुर के सदस्यों की भी पूरे सत्र के दौरान सक्रिय उपस्थिति रही। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्रों और प्रोफेशनलों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सेमिनार का समापन वित्तीय जागरूकता को मजबूत करने तथा धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क और जिम्मेदार व्यवहार अपनाने के संदेश के साथ हुआ।

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