दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके से जुड़े ‘व्हाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल’ के विदेशी कनेक्शन अब उजागर हुए हैं। जांच में सामने आया है कि तीन कथित विदेशी हैंडलर्स में से एक ने अल-फलाह से गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनई को एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए बम बनाने के 42 वीडियो भेजे थे। डॉ. गनई के कब्जे से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ था और वह धमाका करने वाले उमर नबी का साथी है। जांच में पता चला है कि इस कार ब्लास्ट का मास्टरमाइंड आतंकी डॉ. उमर 2022 में तुर्की गया था, जहां उसने एक सीरियाई आतंकी से मुलाकात की। इसके साथ डॉ. मुजम्मिल शकील गनई और डॉ. मुजफ्फर रैदर भी मौजूद थे। यह मुलाकात उनके पाकिस्तानी हैंडलर उकाशा के निर्देश पर करवाई गई थी।

करीब 20 दिन तक तुर्किए में रहे तीनों आतंकी

रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों आतंकवादी लगभग 20 दिन तक तुर्की में रहे और अपने पाकिस्तानी मास्टरमाइंड उकाशा से मिलने का प्रयास किया, जो पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर स्थित है। हालांकि, वे उससे नहीं मिल पाए, लेकिन उकाशा ने उन्हें सीरियाई आतंकी से मिलने का आदेश दिया। इसके बाद डॉ. मुजफ्फर, यूएई के रास्ते अफगानिस्तान गया और अल-कायदा में शामिल हो गया।

अल-फलाह यूनिवर्सिटी से तैयार हुआ आतंकी मॉड्यूल

उधर पाकिस्तानी हैंडलर उकाशा ने डॉ. उमर को भारत लौटकर जैश-ए-मोहम्मद के एक बड़े प्लान को अंजाम देने का निर्देश दिया। भारत वापसी के बाद उमर ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी ज्वाइन की और वहीं से अपना आतंकी मॉड्यूल खड़ा करना शुरू किया। जांच के अनुसार, यह मॉड्यूल देशभर में बड़े पैमाने पर हमलों की तैयारी कर रहा था।

देशभर में हमले की थी साजिश

NIA के अनुसार, गिरफ्तार किए गए तीन डॉक्टर और मौलवी मुफ्ती इरफान अहमद वागे दिल्ली कार ब्लास्ट में अहम भूमिका निभा रहे थे। इनका उद्देश्य देशभर में इसी तरह के हमले करना था। इससे पहले NIA ने प्लंबर अमीर राशिद अली और जसीर बिलाल वानी को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि अमीर ने ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई कार खरीदने में मदद की थी, जबकि जसीर पर ड्रोन को रॉकेट में बदलने की तकनीकी सहायता देने का गंभीर आरोप है।

जांच में यह भी पता चला कि डॉ. उमर ब्लास्ट में इस्तेमाल कार खरीदने से एक हफ्ता पहले पम्पोर गया था ताकि कार खरीदने के लिए पैसे का इंतजाम कर सके। इसके बाद वह अमीर राशिद अली के साथ हरियाणा गया और अमीर के नाम पर कार खरीदी। ब्लास्ट से कुछ दिन पहले अमीर वापस पम्पोर लौट गया। इसके अलावा, NIA ने प्लंबर अमीर राशिद अली और जसीर बिलाल वानी को भी गिरफ्तार किया। अमीर ने कार खरीदने में मदद की थी, जबकि जसीर पर ड्रोन को रॉकेट में बदलने की तकनीकी सहायता देने का गंभीर आरोप है। इन सभी आरोपियों को पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पकड़ा था।

पाकिस्तान के हैंडलरों से जुड़े थे आतंकी

अब तक तीन विदेशी हैंडलर्स के नाम सामने आए हैं.  हंजुल्लाह, निसार और उकासा। हालांकि, माना जा रहा है कि ये नाम फर्जी भी हो सकते हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, हंजुल्लाह ने डॉ. गनई को बम बनाने के 40 से ज्यादा वीडियो भेजे थे। डॉ. गनई ने विस्फोटक जुटाए और उन्हें अपने ठिकानों पर छिपाकर रखा था, जिनका इस्तेमाल दिल्ली धमाके में उमर नबी ने किया।जांच में सामने आया है कि डॉ. गनई को धमाके से ठीक पहले गिरफ्तार किया गया था। उसके ठिकानों से 2,500 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद हुई, जिसमें 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट शामिल था। इसके अलावा, जांच में यह भी पता चला कि 2022 में डॉ. मुजम्मिल शेख गनई, डॉ. मुजफ्फर राथर और डॉ. उमर नबी को तुर्की में सीरिया के आतंकी से मिलवाया गया था। इस मुलाकात में पाकिस्तानी हैंडलर्स ने अहम भूमिका निभाई। डॉ. मुजम्मिल, डॉ. अदील अहमद राथर, शाहीन सईद और मुफ्ती इरफान अहमद को हाल ही में अपनी कस्टडी में लिया गया। अब NIA इनके विदेशी लिंक को उजागर करने की कोशिश करेगी। जांच में यह भी सामने आया कि डॉ. शाहीन जैश-ए-मोहम्मद के महिला विंग से जुड़ी हुई थी।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m

देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक

लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें

खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक