Bitcoin Sudden Crash: क्रिप्टो मार्केट गुरुवार की रात जिस तरह हिला, वैसी धड़कनें 2022 के बाद शायद ही कभी महसूस हुई हों. बिटकॉइन अचानक 88,522 डॉलर तक फिसल गया, ये पिछले 7 महीनों का सबसे निचला स्तर है.

गिरावट इतनी तेज थी कि पूरा ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट 4.3 ट्रिलियन डॉलर से सिकुड़कर 3.2 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया. सिर्फ कुछ घंटों में निवेशकों की 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा की संपत्ति हवा हो गई.

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Bitcoin Sudden Crash
Bitcoin Sudden Crash

कैसे डोमिनो इफेक्ट ने क्रैश को और गहरा कर दिया?

अक्टूबर में जब बिटकॉइन ने 126,000 डॉलर का ऑल-टाइम हाई छुआ था, तब मार्केट का टोन बिल्कुल अलग था. लेकिन 92,000 डॉलर का मजबूत सपोर्ट टूटते ही खेल बदल गया. हजारों निवेशक, जिन्होंने भारी लिवरेज लेकर पोजीशन बना रखी थी, ऑटोमेटिक तौर पर लिक्विडेट हो गए. सिर्फ एक घटना ने 19 अरब डॉलर के सौदे बंद करा दिए, और ये रिएक्शन चेन की तरह फैल गया.

बीते 6 हफ्तों में बिटकॉइन 25% से अधिक टूट चुका है. अपने हाई से यह लगभग 30% नीचे आ चुका है, और बॉट-ट्रेडिंग के तेज़ एल्गोरिदम ने गिरावट को कई गुना बढ़ा दिया.

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रिकवरी की झलक, लेकिन बाजार अभी भी नर्वस

Nvidia के शानदार नतीजों ने तकनीकी सेक्टर में थोड़ा आत्मविश्वास लौटाया. इसी वजह से लंदन टाइम के हिसाब से गुरुवार की सुबह बिटकॉइन में करीब 1.9% की हल्की रिकवरी दिखी. लेकिन सेंटिमेंट अब भी कमजोर है, नया पैसा आने से पहले निवेशक माहौल को देखने-समझने की कोशिश कर रहे हैं.

कौन-कौन डूबा? खुदरा निवेशक, बड़े फंड, और क्रिप्टो कंपनियां

6 अक्टूबर को क्रिप्टो मार्केट की वैल्यू 4.3 ट्रिलियन डॉलर थी. अब यह 3.2 ट्रिलियन डॉलर पर आ गई है. यानी 1.1–1.2 ट्रिलियन डॉलर लगभग मिट चुका है, ज्यादातर “कागजी नुकसान”, लेकिन प्रभाव बड़ा है.

ETF से निकलता पैसा, डर के कारण तेज़ निकासी और नए खरीदारों की कमी ने बाज़ार को कमजोर कर दिया. बड़े निवेशक अपनी होल्डिंग घटा रहे हैं और नए संस्थागत खिलाड़ी अभी इंतजार में हैं.

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गिरावट की 5 बड़े कारण (Bitcoin Sudden Crash)

अमेरिका में ब्याज दरें जल्द गिरेंगी अब यह उम्मीद टूट चुकी है. बड़ी कंपनियां रिस्क वाले एसेट्स से हाथ पीछे खींच रही हैं. बॉन्ड यील्ड ऊंची, पैसे की कीमत बढ़ी. महंगे कर्ज ने सट्टेबाजी वाली निवेश रणनीतियों को कमजोर कर दिया.

AI और टेक सेक्टर की स्लोडाउन का डर. जहां से पैसा निकलता है, वही डर क्रिप्टो में ट्रांसफर हो गया.

ग्लोबल तनाव से ट्रेडिंग बॉट्स हाई-रिस्क मोड में. छोटी बिकवाली को भी ये बॉट्स कई गुना तेज बना देते हैं.

लिक्विडिटी बेहद कम. मांग कम और सप्लाई बढ़ते ही बाजार का बैलेंस बिगड़ गया.

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अगला कदम: क्या बिटकॉइन 75,000 डॉलर छू सकता है? (Bitcoin Sudden Crash)

अगर कीमत 88k–90k के नीचे टिकती रही, तो मार्केट सीधे 75,000 डॉलर वाली रेंज में जा सकता है.

तीन अहम सपोर्ट नजर में हैं:

85,000 डॉलर
80,000 डॉलर
74,425 डॉलर (अप्रैल का लो)

पुट ऑप्शंस की भारी खरीद इस बात का संकेत है कि ट्रेडर्स फिलहाल डिफेंस मोड में हैं.

लंबी अवधि में कई एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जैसे ही टेक सेक्टर के नतीजे सुधरेंगे और बड़ी कंपनियां फिर से क्रिप्टो अलोकेशन बढ़ाएंगी, बिटकॉइन संभावित रूप से जोरदार वापसी कर सकता है.

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ब्लॉकचेन क्या होती है?

कल्पना कीजिए कि एक डिजिटल रजिस्टर है, हर पन्ना एक ब्लॉक, जिसमें लेनदेन की एंट्री दर्ज होती है. जब एक ब्लॉक भर जाता है, वह लॉक होकर पिछले ब्लॉक से जुड़ जाता है.

हजारों कंप्यूटर (नोड्स) इस पूरी चेन को जांचते और सुरक्षित रखते हैं. किसी एक कंप्यूटर को हैक कर लें, तब भी बाकी हजारों सिस्टम डेटा की असली कॉपी संभालकर रखते हैं. यही वजह है कि ब्लॉकचेन लगभग अटूट और बेहद सुरक्षित मानी जाती है.

बिटकॉइन को ‘डिजिटल गोल्ड’ क्यों कहा जाता है?

क्योंकि इसकी संख्या 21 मिलियन पर फिक्स है. यह लिमिट उसी तरह है जैसे धरती पर सोना सीमित है. जितना दुर्लभ, उतना कीमती—इसी सिद्धांत पर बिटकॉइन की वैल्यू टिकी है.

बिटकॉइन vs फिएट करेंसी (Bitcoin Sudden Crash)

सरकार चाहे तो जितने चाहें उतने नोट छाप सकती है. लेकिन बिटकॉइन किसी सरकार के नियमों पर नहीं चलता, इसके नियम पहले से लिखे हुए हैं. बिटकॉइन की कीमत बाजार और मांग तय करती है, न कि कोई प्रशासनिक आदेश. इसलिए इसे एक स्वतंत्र, दुर्लभ और डिजिटल संपत्ति माना जाता है.

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