कुंदन कुमार/पटना। एनडीए की ऐतिहासिक जीत और लोजपा रामविलास के 19 विधायकों की अप्रत्याशित सफलता के बाद पार्टी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की प्रतिक्रिया सिर्फ राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि भावनाओं से भरा एक संदेश थी। उन्होंने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह जीत उनके संघर्ष, भरोसे और उम्मीदों की जीत है।

डिप्टी सीएम बनता तो लोग लालची कहते

चिराग पासवान को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा जोर पकड़ चुकी थी, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि पद से बड़ी चीज जनता का विश्वास है। अगर ऐसे समय में मैं कोई पद लेता, तो लोग मुझे लालची समझते। उनकी इस बात में राजनीति से अधिक आत्म-सम्मान और साफ छवि को बचाए रखने की चिंता झलकती है।

खरमास के बाद फिर सड़क पर

उन्होंने घोषणा की कि खरमास खत्म होने के बाद वे एक बार फिर बिहार की जनता से सीधे मुलाकात करेंगे। हमारे पुराने नारे बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट को फिर जमीन पर उतारने का वक्त आ गया है। चिराग ने बताया कि वे गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याएं सुनेंगे और जमीनी मुद्दों पर काम करेंगे।

नए मंत्रियों को सख्त निर्देश

अपनी पार्टी के कोटे से बने मंत्रियों को उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया-लोगों से लगातार संपर्क में रहें, उनकी समस्याएं सुलझाएं, और भरोसा टूटने न दें।

पारिवारिक तंज और राजनीतिक वार

आरजेडी पर हमला बोलते हुए चिराग ने लालू-तेजस्वी को परिवारवाद में डूबा बताया। चाचा पशुपति पारस द्वारा बधाई देने पर उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा-मुझे याद है, मेरे बुरे दिनों में उन्होंने क्या किया था। यह बयान बताता है कि राजनीतिक जीत के साथ-साथ निजी दर्द भी आज तक कहीं भीतर दबा हुआ है।