बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार से कांग्रेस संभली भी नहीं है कि कर्नाटक में सत्ता को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के समर्थक लंबे समय से नेतृत्व परिवर्तन चाहते हैं और अब इन लोगों ने दिल्ली में ही डेरा डाल दिया है। डीके शिवकुमार समेत कर्नाटक के कुल 10 विधायक दिल्ली में मौजूद हैं। इस बीच डीके शिवकुमार के समर्थक विधायक इकबाल हुसैन का कहना है कि पार्टी चीफ मल्लिकार्जुन खरगे से हमें भरोसा मिल गया है। उन्होंने कहा कि खरगे से हमें भरोसा मिल है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा।

रिपोर्ट के अनुसार हुसैन ने कहा कि खरगे ने डीके शिवकुमार के सभी समर्थक विधायकों से बात की है। अब उनका कहना है कि हम हाईकमान से इस संबंध में बात करेंगे और सब सही होगा। हुसैन ने कहा कि खरगे का कहना था कि इस बारे में हाईकमान से बात करनी होगी। उसके बाद ही कुछ बताएंगे और न्याय की उम्मीद है। अब तक इस मामले में कांग्रेस की टॉप लीडरशिप की ओर से कुछ कहा नहीं गया है। वहीं पिछले दिनों यहां तक चर्चा थी कि डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम या फिर प्रदेश अध्यक्ष के बाद से इस्तीफा दे सकते हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए उनकी ओर से ऐसी बात कही गई थी।

चर्चा यह भी चल रही है कि कर्नाटक से डीके शिवकुमार के समर्थक कुछ और विधायक दिल्ली पहुंच सकते हैं। दरअसल शिवकुमार के समर्थकों का यह दावा रहा है कि 2023 के असेंबली इलेक्शन में जीत के बाद यह तय हुआ था कि पहले ढाई साल कमान संभालने के बाद सिद्धारमैया अलग हो जाएंगे और शिवकुमार को मौका मिलेगा। हालांकि अब तक सिद्धारमैया की ओर से इस कथित वादे के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।

इसके अलावा उन्होंने यह भी नहीं कहा है कि वह पद से इस्तीफा देंगे या नहीं। दिलचस्प बात यह है कि अक्तूबर के अंतिम दिनों से ही डीके के समर्थक लगातार कह रहे हैं कि कर्नाटक में नवंबर क्रांति हो सकती है। इस क्रांति को सीएम चेहरे में बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।

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