केरल, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के काम में जुटे पांच BLO की मौत के बाद अब गुजरात में एक BLO की मौत की खबर आई है. ये मामला गुजरात के गिर सोमनाथ जिले का है. जिले के कोडिनार तालुका के छारा गांव में BLO के तौर पर SIR का काम देख रहे शिक्षक अरविंद वाढ़ेर ने आत्महत्या कर ली. उन्होंने अपने पीछे छोड़े सुसाइड नोट में अत्यधिक काम का दबाव होने की बात का जिक्र किया था जिससे परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठा लिया. इस घटना ने पूरे शिक्षा समुदाय को झकझोर दिया है और शैक्षिक संघों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है.
बता दें कि, देश के 12 अलग-अलग राज्यों में चल रहे वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) ने बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) के लिए चिंता खड़ी कर दी है. ग्राउंड लेवल पर SIR की जिम्मेदारी इन्हीं BLOs पर है. दावा है कि इन कर्मचारियों पर काम का इतना दबाव है कि तनाव में कुछ BLO ने या तो आत्महत्या कर ली या दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई. बीते एक हफ्ते में ऐसे कम से कम पांच मामले सामने आ चुके हैं.
‘मेरे से अब यह SIR का काम नहीं हो सकेगा’
40 वर्षीय अरविंद वाढ़ेर ने आत्महत्या से पहले पत्नी को संबोधित एक भावुक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने लिखा, ‘मेरे से अब यह SIR का काम नहीं हो सकेगा. मैं लगातार कुछ दिनों से थकान और परेशानी महसूस कर रहा हूं. तुम अपना और बेटे का ख्याल रखना. मैं तुम दोनों को बहुत चाहता हूं, लेकिन अब मैं बहुत मजबूर हो गया हूं. मेरे पास अब कोई विकल्प नहीं बचा.’
शैक्षिक संघों में आक्रोश
उन्होंने लिखा, ‘मेरे बैग में SIR के सभी कागजात हैं, जिन्हें स्कूल में जमा कर दिया जाए. I am very sorry my dear wife Sangita and my loving dear son krishay.’ इस घटना के बाद अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, गुजरात प्रांत ने SIR के तहत शिक्षकों द्वारा की जा रही ऑनलाइन प्रक्रिया का बहिष्कार करने की घोषणा की है और आगे की रणनीति पर चर्चा जारी है.
काम के दबाव को लेकर उठ रहे सवाल
अरविंद वाढ़ेर की मौत ने मतदाता सूची सुधार प्रक्रिया में लगे BLOs की कार्यस्थितियों और भारी दबाव पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. देश के कई राज्यों में बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) की लगातार मौतों ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है, जिनमें से अधिकांश मामलों में परिवारों ने अत्यधिक कार्यभार, खासकर SIR (Special Summary Revision) से जुड़े दबाव को जिम्मेदार ठहराया है.
कहां-कितने BLO की गई जान?
गुजरात के खेड़ा में एक BLO की मौत दर्ज की गई, जबकि जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल) में एक BLO ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. राजस्थान में दो मामले सामने आए- सवाई माधोपुर में एक BLO की हार्ट अटैक से मौत हुई, और जयपुर में एक सरकारी स्कूल शिक्षक ने 16 नवंबर को आत्महत्या कर ली. परिवार का आरोप है कि वह मतदाता सूची से जुड़े भारी दबाव में थे.
तमिलनाडु के कुंभकोणम में एक वरिष्ठ नागरिक आंगनवाड़ी BLO ने कथित तौर पर काम के बोझ से परेशान होकर 44 गोलियां खाकर आत्महत्या का प्रयास किया. केरल के कन्नूर में भी एक BLO ने SIR से जुड़े तनाव के चलते जीवन समाप्त कर लिया. पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान में 9 नवंबर को एक BLO की ब्रेन स्ट्रोक से मौत हुई, जिसे परिजनों ने मानसिक तनाव से जोड़कर देखा.
बंगाल में हुई घटना के बाद ममता बनर्जी ने उठाए सवाल
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में 19 नवंबर को एक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने आत्महत्या कर ली. मृतक के परिवार ने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट को लेकर चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान महिला BLO पर काम का काफी ज्यादा दबाव था. घटना के बाद, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने SIR प्रक्रिया को लेकर फिर चिंता जताई है. उन्होंने SIR पर रोक लगाने की अपील तक कर दी.
ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग से अस अभियान को रोकने का आग्रह किया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि जो प्रक्रिया पहले तीन साल में पूरी होती थी. अब राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए चुनाव से ठीक पहले दो महीने में पूरी की जा रही है. इससे BLO पर अमानवीय दबाव पड़ रहा है. उन्होंने आगे लिखा कि चुनाव आयोग को विवेक से काम लेते हुए इस अनियोजित अभियान को रोकने की मांग की है.
SC में SIR के खिलाफ दायर हुई याचिका
सुप्रीम कोर्ट आज SIR के खिलाफ दायर केरल सरकार की याचिका पर चुनाव आयोग (EC) से जवाब मांगा है। केरल और अन्य की याचिकाओं में केरल में SIR कराने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी गई है। जस्टस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई 26 नवंबर तय की है। केरल में दिसंबर के दूसरे सप्ताह में स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं। इसलिए राज्य सरकार ने वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को स्थगित करने की मांग वाली याचिका दायर की थी।
याचिका में केरल सरकार ने कहा था कि कर्मचारियों की कमी के कारण चुनाव के साथ SIR करवाने से दिक्कतें बढ़ रही हैं। जब संवैधानिक चुनाव चल रहे हों, तो बेकार में जल्दबाजी करके सत्यापन की गुणवत्ता को कम करना, मताधिकार के लोकतांत्रिक अधिकार के खिलाफ है।
SIR के खिलाफ अब तक 10 याचिकाएं
केरल के अलावा तमिलनाडु और बंगाल भी SIR के खिलाफ याचिका लगा चुके हैं। इंडियन मुस्लिम यूनियन लीग की याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक SIR के खिलाफ अब तक 10 याचिकाएं लग चुकी हैं। इधर, देश में अब तक 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में लगभग 99% (50.40 करोड़ से ज्यादा) वोटर्स को SIR फेज II के एन्यूमरेशन फॉर्म दिए जा चुके हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फॉर्म डिजिटाइज किए जा चुके हैं।
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक

