फिरोज अहमद, दरभंगा। शैक्षणिक संस्थान में दीक्षांत समारोह का आयोजन कर छात्र छात्राओं का उत्साहवर्धन करना भारतीय ज्ञान परंपरा की प्राचीन परंपरा रही है। सभ्यता के विकास के बाद के काल खंड में देश ही विदेश स्तर पर ज्ञान और शिक्षा के लिए चर्चित नालंदा विश्वविद्यालय तक्षशिला विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों में भी आचार्य और गुरुओं के द्वारा अपने शिष्यों तथा शिष्याओ के उच्चतर अध्ययन के लिए इस तरह के समारोह के आयोजन का इतिहास रहा है।
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का अपना स्वर्णिम इतिहास है तथा आज इस विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। इस सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय परिवार बधाई के पात्र हैं।
स्थानीय सांसद सह मिथिला विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य डा गोपाल जी ठाकुर ने नागेंद्र झा स्टेडियम परिसर में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के ग्यारहवें दीक्षांत समारोह ने भाग लेने के बाद उपरोक्त बातें कही।
इस मौके पर सांसद डा ठाकुर ने मंचस्थ बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति डॉ आरिफ मुहम्मद खान को मिथिला की संस्कृति और परंपरा के अनुसार पाग अंगवस्त्र तथा मखान माला से सम्मानित भी किया। मंच पर आयोजन समिति के द्वारा सांसद को दीक्षांत समारोह के गणवेश तथा परिधानों के साथ पाग तथा चादर से स्वागत किया गया।
दीक्षांत समारोह से सांसद डा ठाकुर ने मिथिला के ऐतिहासिक पौराणिक विरासत तथा धरोहरों को रेखांकित करते हुए कहा कि, मिथिला क्षेत्र विद्वानों तथा ज्ञान संस्कार की आदि भूमि रही है। यहां का वेद ज्ञान दर्शन ज्योतिष कर्मकांड साहित्य तथा न्याय संहिता देश को दिशा देती आई है। यहां के विद्वानों ने अपनी प्रतिभा तथा अपने संवाद कला से देश और दुनिया में अपनी श्रेष्ठता साबित किया है। आज इस समारोह के माध्यम से उस विरासत को महिमामंडित किया गया है जो गर्व का विषय है।
सांसद डा ठाकुर ने मंच पर मौजूद बिहार के राज्यपाल के द्वारा विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सुधारों में पहल तथा विश्वविद्यालय के विकास के लिए किए गए पहल के लिए आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय को शोध संस्थान का दर्जा प्राप्त होना तथा इसके लिए सौ करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार द्वारा आवंटित होना इसका ज्वलंत उदाहरण है।
दीक्षांत समारोह में छात्र छात्राओं को राज्यपाल कुलपति तथा अन्य अतिथि विद्वानों के द्वारा दिए गए प्रमाण पत्रों तथा उपाधियों को उनके भावी जीवन का पैमाना बताते हुए कहा कि यही छात्र छात्राओं के द्वारा आने वाले समय में मिथिला तथा देश के निर्माण में अपनी श्रेष्ठता का निर्वहन करेंगे।
सांसद डा ठाकुर केंद्र की मोदी सरकार को मिथिला के ज्ञान परंपरा के संरक्षण संवर्धन तथा पूर्ण रूप से विकसित किए जाने के लिए प्रतिबद्ध बताते हुए कहा कि मिथिला संस्कृत शोध संस्थान के साथ साथ पीएम ऊषा योजना के तहत इस विश्वविद्यालय का चयन इसका ज्वलंत उदाहरण है तथा इस विश्वविद्यालय परिसर स्थित राज मैदान को खेलों इंडिया कार्यक्रम के तहत अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के निर्माण की पहल की जा रही है।
सांसद डा ठाकुर ने विश्वविद्यालय के इस आयोजन के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति तथा विश्वविद्यालय परिवार की जमकर सराहना करते हुए कहा कि इस समारोह में बिहार के विद्वान कुलाधिपति सह राज्यपाल डा आरिफ मुहम्मद खान सहित अनेक विशिष्ट अतिथियों तथा देश स्तर के चर्चित विद्वानों के आगमन से यह शैक्षणिक कार्यक्रम मिथिला के प्राचीन गरिमा को फिर से जीवंत कर दिया है।
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