रोहतास। काराकाट लोकसभा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरीं ज्योति सिंह पहली बार अपनी हार पर खुलकर बोली हैं। एक यूट्यूब इंटरव्यू में उनकी आवाज़ में ठहराव भी था और दर्द भी। उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान वे लगभग अकेली पड़ गई थीं-और इसके पीछे वजह थी भोजपुरी इंडस्ट्री का डर।
फोन किया, मदद मांगी
ज्योति सिंह ने कहा कि उन्होंने इंडस्ट्री के कई बड़े चेहरों को फोन कर समर्थन मांगा लेकिन किसी ने साथ नहीं दिया। कोई कहता मैं शहर से बाहर हूं कोई कहता शूटिंग चल रही है… झूठ साफ समझ में आ रहा था। ज्योति ने कहा मैंने कैंपेन के लिए गाने मांगे चैनल्स ने भी देने से मना कर दिया। उनके मुताबिक इंडस्ट्री में एक ही कलाकार का इतना दबदबा है कि कोई उनके खिलाफ जाना नहीं चाहता।
मेरी वजह से पवन को टिकट नहीं मिला ये अफवाह है
पवन सिंह को टिकट न मिलने में अपनी भूमिका को लेकर फैल रही बातों पर ज्योति ने सख्त प्रतिक्रिया दी। 20 साल से वो बीजेपी में हैं, कभी टिकट नहीं मिला… तो अब अचानक मेरी गलती कैसे हो गई? मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। ज्योति के बयान से साफ है कि उनकी लड़ाई सिर्फ चुनावी मैदान में नहीं बल्कि इंडस्ट्री की लंबी खामोशियों से भी रही। उनकी ये पीड़ा बिहार की राजनीति और भोजपुरी सिनेमा के भीतर छिपे दबावों की ओर इशारा कर जाती है।
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