Delhi Police Bust International Human Trafficking Racket: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और साइबर-स्लेवरी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गैंग पहले तो भारतीय युवाओं को ‘हाई सैलरी’ का झांसा देथा था। इसके बाद म्यांमार में ले जाकर साइबर-स्लेवरी के जाल में फंसा देता था। यह रैकेट ना सिर्फ मानव तस्करी कर रहा था, बल्कि युवाओं से अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर ऑनलाइन फ्रॉड भी करवाता था। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दानिश राजा (बवाना, दिल्ली) और हर्ष (फरीदाबाद, हरियाणा) के रूप में हुई है।

पुलिस ने आरोपियों से 2 मोबाइल फोन बरामद किए। इनमें विदेशी हैंडलर्स से बातचीत और भर्ती संबंधी कई अहम चैट्स मिले हैं. डिजिटल फॉरेंसिक जांच जारी है।

दरअसल 22 अक्टूबर 2025 को म्यांमार की सेना ने वहां के एक बड़े स्कैम सेंटर पर छापा मारकर कई भारतीय युवाओं को छुड़ाया था। इन लोगों को शुरू में एक ह्यूमैनिटेरियन कैंप में रखा गया था। इसके बाद भारतीय दूतावास की मदद से 19 नवंबर 2025 को उन्हें भारत वापस भेजा गया।

भारत लौटने के बाद गृह मंत्रालय के I4C और दिल्ली पुलिस की IFSO टीम ने इन डिपोर्टेड युवाओं की विस्तृत जांच की, ताकि यह समझा जा सके कि उन्हें साइबर-स्लेवरी के लिए म्यांमार कैसे और किसके जरिए ले जाया गया। इसी दौरान बवाना निवासी इम्तियाज बाबू ने शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि उसे हाई सैलरी वाले डेटा एंट्री ऑपरेटर की विदेशी नौकरी का झांसा देकर म्यांमार ले जाया गया था।

पीड़ितों के साथ क्या हुआ?

जांच में वो रूट भी सामने आया, जिसके जरिए पीड़ितों को म्यांमार ले जाया गया। कोलकाता से बैंकॉक और फिर म्यावड्डी (म्यांमार)। वहां उन्हें एक बड़े स्कैम सेंटर KK पार्क, म्यावड्डी में बंद कर दिया गया। इसके बाद उनके साथ ठगी के काम करवाए गए। आरोप है कि इन लोगों के जरिए अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाकर ऑनलाइन साइबर फ्रॉड करवाया गया। हथियारबंद गार्ड्स द्वारा डराया-धमकाया गया। काम न मानने पर पिटाई की जाती थी। इस आधार पर 20 नवंबर 2025 को FIR नंबर 289/25, PS स्पेशल सेल में दर्ज हुई। मामले में धारा 143(3)/316(2)/318(4)/351(2)/61(2) BNS व 10/24 इमिग्रेशन एक्ट के तहत एक्शन लिया गया।

दिल्ली से अपराधियों तक कैसे पहुंची पुलिस?

FIR दर्ज होने के बाद IFSO ने एक स्पेशल टीम बनाई। 20 नवंबर को मिली इंटेलिजेंस के आधार पर दानिश राजा को बवाना से गिरफ्तार किया गयाष पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वो खुद मार्च 2025 में म्यांमार से डिपोर्ट होकर भारत आया था। इसके बावजूद वो भारत में लोगों को फिर से झूठी नौकरी का लालच देकर म्यांमार भेजने में लगा रहा। उसके लिंक अभी भी म्यांमार के स्कैम नेटवर्क से जुड़े थे. इसके बाद हर्ष (फरीदाबाद) को गिरफ्तार किया गया।

गैंग का मोडस-ऑपेरंडी (अपराध का तरीका) क्या था?

– युवाओं को विदेश में हाई-पे जॉब का ऑफर देना
– गैर-कानूनी रास्तों से बॉर्डर क्रॉस कराना
–  सफर के दौरान कई बार वाहन बदलवाना
– सशस्त्र गार्ड्स की निगरानी में रखना
– डराकर-धमकाकर साइबर फ्रॉड करवाना
– बड़े पैमाने पर स्कैम कॉम्प्लेक्स ऑपरेट करना

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