पंकज भदौरिया, दंतेवाड़ा. जिला खनिज न्यास निधि के तहत प्रभावित इलाके के लोगों के आर्थिक उत्थान के लिए आजीविका के साधनों के विकास सहित शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी. इसके साथ ही आवश्यकता के अनुरूप अधोसंरचना सम्बन्धी कार्यों तथा सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण, युवा गतिविधियों तथा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने सहित खनन प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं के शैक्षणिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिये राशि का प्रावधान किया गया है. अब जिला खनिज न्यास निधि का सदुपयोग कर जिले के समग्र विकास करने सकारात्मक पहल किया जायेगा. यह बातें राजस्व-आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री तथा दंतेवाड़ा जिला के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कलेक्टोरेट के सभागार में आयोजित जिला खनिज न्यास शासी परिषद की बैठक में कही.

मंत्री अग्रवाल ने राज्य शासन की मंशानुसार बचेली एवं किरन्दुल में एनएमडीसी के लीज वाली भूमि पर बसे लोगों को पात्रता के आधार पर आवासीय पट्टा प्रदान करने कार्यवाही शीघ्र शुरू किये जाने अधिकारियों को निर्देशित किया. बैठक के दौरान सांसद बस्तर दीपक बैज, विधायक दन्तेवाड़ा देवती महेन्द्र कर्मा सहित जिला खनिज न्यास शासी परिषद के सदस्य और जिला कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा, पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव, सीईओ जिला पंचायत सच्चिदानंद आलोक तथा विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसीज के अधिकारी एवं विभागीय अधिकारी मौजूद थे. बैठक में जिला खनिज न्यास निधि के तहत वर्ष 2019-20 के कार्ययोजना के अनुरूप 55 करोड़ रुपये लागत के कार्यों का अनुमोदन किया गया.

बैठक के आरंभ में कलेक्टर ने बताया कि जिला खनिज न्यास निधि के तहत वर्ष 2016-17 में 93 करोड़ 10 लाख रुपये लागत के स्वीकृत 749 कार्यों में से 565 कार्य पूर्ण किये गए हैं. वहीं वर्ष 2017-18 में 250 करोड़ 45 लाख रुपये लागत के स्वीकृत 1783 कार्यों में से 993 कार्य तथा वर्ष 2018-19 में 174 करोड़ रुपये लागत के स्वीकृत 916 कार्यों में से 332 कार्य पूर्ण किये गए हैं.वर्ष 2019-20 में 73 करोड़ 5 लाख रुपये लागत के स्वीकृत 130 कार्यों में से अब तक 2 कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं.

बैठक में उच्च प्राथमिकता क्षेत्र के अंतर्गत कृषि एवं सम्बद्ध गतिविधियों हेतु 11 करोड़ 4 लाख रुपये, सतत जीविकोपार्जन के लिए 5 करोड़ 78 लाख रुपये,कौशल विकास एवं रोजगार हेतु 2 करोड़ 23 लाख रुपये, पेयजलापूर्ति के लिए 92 लाख रुपए, स्वच्छता कार्यक्रम हेतु 77 लाख 35 हजार रुपये, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण उपाय के लिए एक करोड़ रुपये, स्वास्थ्य देखभाल हेतु 5 करोड़ 55 लाख रुपये, शिक्षा के लिये 5 करोड़ 9 लाख 39 हजार रुपये, महिला एवं बाल कल्याण हेतु 7 लाख 29 हजार रुपये और वृद्धजनों एवं निःशक्तजनों के कल्याण के लिये 50 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है.

प्राथमिकता क्षेत्र के सिंचाई और जल विभाजक विकास के लिये 78 लाख 18 हजार रुपये, राज्य निर्देशित प्राथमिकता के कार्यों के लिए 5 करोड़ रुपये, सार्वजनिक परिवहन सम्बन्धी कार्यों हेतु 25 लाख 80 हजार रुपये, सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण यथा मेले-मड़ई हेतु 50 लाख रुपये तथा युवा गतिविधियों के बढावा के लिए 95 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. जिले में अत्यंत आवश्यक अधोसंरचना सम्बन्धी कार्यों हेतु 4 करोड़ 65 लाख 11 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके साथ सदस्यों के प्रस्तावों के आधार पर विकास कार्यों हेतु 2 करोड़ रुपये, महिला एवं बाल विकास विभाग में रिक्त पर्यवेक्षक के पदों पर संविदा नियुक्ति हेतु 5 करोड़ रुपये, नगरीय निकायों में एक-एक गौठान निर्माण के लिये 2 करोड़ रुपये तथा जिले के कन्या आश्रम-छात्रावासों में अतिरिक्त पोषण आहार प्रदाय हेतु एक करोड़ 40 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है.

बैठक में उक्त सभी कार्यों के लिये विस्तृत विचार-विमर्श कर सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया. बैठक के दौरान समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु किसानों का पंजीयन एवं आवश्यक तैयारी, सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशनकार्ड प्रदाय, शहरी क्षेत्र में आबादी एवं नजूल सर्वेक्षण,फसल गिरदावरी,रबी फसल कार्यक्रम हेतु तैयारी और बीज एवं अन्य कृषि आदान सामग्री की उपलब्धता इत्यादि की विस्तृत समीक्षा की गई.