रायपुर। सब्जी बेच कर जैसे-तैसे अपने परिवार का जीवन यापन करने वाले विश्रामपुर के वीरेंद्र गुप्ता की 13 वर्षीय बेटी अर्चना की इंफ्केशन की वजह से आंख की रोशनी जाने की कगार पर थी. आर्थिक रूप से कमजोर वीरेंद्र अपनी बेटी का चेन्नई में खर्चीचा इलाज करना मुश्किल था, ऐसे में पब्लिक इशू सोशल फाउंडेशन के चेयरमैन नितिन भंसाली ने आगे बढ़कर मदद की, और इलाज के लिए चेन्नई रवाना किया.
वीरेंद्र गुप्ता के परिवार पर 4 माह पूर्व दुख का पहाड़ टूट पड़ा, जब इन्फेक्शन की वजह से उनकी 9वीं क्लास में पढ़ रही 13 वर्षीय बेटी अर्चना की आंख की रोशनी लगभग समाप्त होने की कगार पर पहुंच गई. रायपुर आकर आंखों के डॉक्टरों को दिखाने के बाद पता चला कि अर्चना की आंखों की रोशनी वापस लाने के लिए आंखों का ऑपरेशन करने की तत्काल आवयश्कता है, जो छत्तीसगढ़ के किसी भी शासकीय या निजी अस्पताल में होना संभव नहीं है. यह ऑपरेशन शंकर नेत्रालय चेन्नई में ही हो सकता है, जहां पूरा इलाज काफी खर्चीला है.
अर्चना के परिवार की कमजोर आर्थिक हालात की जानकारी राजधानी के सुमित फाउंडेशन से मिलने के बाद पब्लिक इशू सोशल फाउंडेशन के चैयरमेन नितिन भंसाली ने मुलाकात की. अर्चना की सेहत के विषय मे पूरी जानकारी लेने के बाद फाउंडेशन की तरफ से उसके आंखों के इलाज के लिए परिजनों को 15000 रुपए की नगद राशि प्रदान की. समय पर मदद मिलने के बाद बुधवार शाम की ट्रेन से अर्चना अपने परिजनों के साथ इलाज हेतु चेन्नई के लिए रवाना हो गई.