Chandigarh Administration Amendment 2025: केंद्र सरकार संसद के आने वाले शीतकालीन सत्र में एक नया बिल लाने की तैयारी में है. इस बिल का नाम संविधान (131वां संशोधन) विधेयक-2025 बताया जा रहा है. इस प्रस्ताव में कहा गया है कि चंडीगढ़ को अब पंजाब के राज्यपाल के अधिकार से अलग किया जा सकता है और वहां एक अलग प्रशासक यानी एलजी नियुक्त किया जाएगा. अभी तक चंडीगढ़ का प्रशासन पंजाब के राज्यपाल ही संभालते हैं.

यह खबर सामने के बाद, पंजाब में सियासी तूफान खड़ा हो गया. मुख्यमंत्री भगवंत मान, शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस कदम को पंजाब के हक पर सीधा हमला बताया है. तीनों नेताओं ने साफ चेतावनी दी है कि चंडीगढ़ पंजाब का था, है और हमेशा पंजाब का ही रहेगा, और अगर केंद्र ने यह कदम आगे बढ़ाया तो इसका जोरदार विरोध होगा.

सरकार की मंशा है कि चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 में शामिल कर दिया जाए. इसका मतलब यह होगा कि चंडीगढ़ के लिए सीधे राष्ट्रपति ही कानून बना सकेंगे. वैसी ही व्यवस्था लागू होगी जैसी अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप जैसे उन केंद्र शासित प्रदेशों में है, जहां विधानसभा नहीं होती.

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Chandigarh Administration Amendment 2025
Chandigarh Administration Amendment 2025

विपक्ष ने शुरू किया विरोध

AAP, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल तीनों ने साफ कहा है कि वे इस बिल का विरोध करेंगे. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तो इसे पंजाब की पहचान पर हमला बताया.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम सिर्फ कागजी बदलाव नहीं है, बल्कि पंजाब के अधिकारों को कम करने की कोशिश है. केजरीवाल का कहना था कि पंजाब ने देश के लिए हमेशा आगे बढ़कर काम किया है और अब उसी राज्य को उसके अधिकारों से दूर किया जा रहा है.

उन्होंने दो टूक कहा- “चंडीगढ़ पंजाब का था और पंजाब का ही रहेगा.”

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सीएम भगवंत मान भी नाराज

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी इस फैसले को पंजाब के खिलाफ बताया. उनका कहना है कि चंडीगढ़ उस ज़मीन पर बसा है जहां कभी पंजाब के गांव थे. इसलिए चंडीगढ़ पर पंजाब का हक सबसे पहले आता है.

अकाली दल ने बुलाई आपात बैठक

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी केंद्र के इस प्रस्ताव पर कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने सोमवार दोपहर 2 बजे पार्टी की कोर कमेटी की आपात बैठक बुलाई है. बादल का कहना है कि अकाली दल इस बिल का हर स्तर पर विरोध करेगा और इसे पास नहीं होने देगा. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पर पंजाब का हक किसी भी हालत में कम नहीं होने दिया जाएगा.

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