सतीश दुबे, डबरा (ग्वालियर)। वकील की मौत के बाद जाम नेशनल हाइवे 5 घंटे बाद खोला गया। उप पुलिस अधीक्षक सुमन गुर्जर वकीलों के बीच पहुंची और तीन दिन में घटना की जांच के लिए टीम गठित की। इस दौरान टीआई धर्मेन्द्र सिंह यादव, SI आर्यन शर्मा, शैलेंद्र दीक्षित और सुभाष गुर्जर को तीन दिन के लिए अवकाश पर भेजे जाने के निर्देश दिए। जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है। जाम लगने के दौरान राहगीरों से निकलने पर मारपीट जैसी घटनाएं भी सामने आई जहां पुलिस ने बीच बचाव किया।
मासूम से दरिंदगी के आरोपी की एनकाउंटर की मांगः कड़ाके की ठंड में थाने के सामने रातभर डटे रहे लोग
आरोपियों पर मामूली धाराओं में FIR से नाराजगी
बता दें कि बेलगढ़ा गांव में लंबे समय से वकील चंद्रभान मीणा और केदार रावत का जमीनी विवाद चल रहा था। दोनों पक्षों में पहले भी विवाद हो चुका और सिटी थाने में मामले दर्ज है। 11 नम्बर को खेत पहुंचे चंद्रभान मीणा से विवाद हुआ जिसके बाद वकील और उसके पिता से मारपीट की गई। पुलिस ने फरियादी चंद्रभान मीणा के बयानों के आधार पर बहादुर रावत, बल्ली रावत, मुकेश रावत, भूपेन्द्र रावत, लक्ष्मण रावत,लल्ला रावत निवासी बेलगढ़ा पर मामूली धाराओं में FIR दर्ज की। 23 नम्बर को इलाज के दौरान एडवोकेट चंद्रभान मीणा की मौत हो गई।
हत्या का मामला दर्ज करने और और लोगों के नाम जोड़ने की मांग
बताया जा रहा है कि मारपीट से उनके पैर में लगी चोट का ऑपरेशन किया जा रहा था तभी उसने दम तोड़ दिया। जब पीएम के बाद शव डबरा लाया गया तो परिजनों के साथ वकीलों ने सिमरिया टेकरी पर जाम लगाया। 5 घंटे तक जाम लगने से सैकड़ों की संख्या में वाहन जाम में फंसे रहे। परिजनों के साथ हाईवे पर बैठे वकीलों ने पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए मारपीट करने वाले लोगों पर हत्या का मामला दर्ज करने और केदार रावत सहित 4 अन्य आरोपियों के नाम जोड़ने की मांग पर प्रदर्शन किया। पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

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