डोंगरगढ़, अमित पांडेय। धर्मनगरी डोंगरगढ़ के थाना बोरतलाव क्षेत्र के ग्राम कौहापानी के पहाड़ी जंगल में संयुक्त पुलिस बल को नक्सल विरोधी अभियान के दौरान बड़ी सफलता मिली है. 19 नवंबर को मिली स्थानीय सूचना पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की संयुक्त टीम सर्चिंग पर निकली थी, इसी दौरान हुई मुठभेड़ में बालाघाट (मप्र) के निरीक्षक आशीष शर्मा शहीद हो गए थे.


मुठभेड़ के बाद नक्सलियों की घेराबंदी तेज की गई. लगभग 300 अतिरिक्त जवानों को शामिल करते हुए लगातार 3 से 4 दिनों तक सघन सर्चिंग अभियान चलाया गया. दूसरे चरण में एसटीएफ छत्तीसगढ़, डीआरजी राजनांदगांव और डीआरजी मोहला-मानपुर की टीम नक्सलियों के डेरे तक पहुंची. पुलिस को देखते ही नक्सली अपना सामान छोड़कर जंगल की आड़ लेकर भाग निकले.
सर्चिंग के दौरान भारी मात्रा में सामग्री जब्त की गई है, जिसमें नक्सल वर्दियां, पिट्ठू बैग, दस्तावेज, डायरियां, सोलर पैनल, चार्जिंग सेट, खाना बनाने के बर्तन, तंबू, तिरपाल, वॉकी-टॉकी, विस्फोटक और पर्याप्त राशन शामिल हैं.
मुठभेड़ स्थल से कुछ दूरी पर भारी खून के धब्बे मिलने से यह अनुमान लगाया गया है कि कम से कम तीन नक्सली गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें एक की स्थिति बेहद गंभीर बताई जा रही है. सूत्रों के अनुसार नक्सली दस्ता ग्रामीणों से इलाज और दवाइयों की व्यवस्था करवाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन ग्रामीणों ने मदद से इंकार कर दिया.
पूरा अभियान एसटीएफ बघेरा की छह पार्टियों एवं डीआरजी मोहला–राजनांदगांव की टीमों ने मिलकर संचालित किया. बरामद सभी सामग्री को पुलिस ने विधिसम्मत कार्रवाई के तहत जब्त कर लिया है. आगामी दिनों में भी पड़ोसी राज्यों के सहयोग से संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान जारी रहेगा.
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