अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद आज एक और ऐतिहासिक पल दर्ज होने जा रहा है। पिछले साल 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गर्भगृह में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब आज मंगलवार, 25 नवंबर को मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया जाएगा। यह पहली बार है जब प्राण-प्रतिष्ठा के बाद मंदिर के मुख्य शिखर पर विधिवत ध्वज फहराया जाएगा।

इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, RSS प्रमुख मोहन भागवत, और देश के विभिन्न क्षेत्रों साहित्य, कला, राजनीति, शिक्षा, उद्योग से जुड़े करीब 8 हजार विशिष्टजन अयोध्या पहुंच रहे हैं। पूरा शहर उत्सव के रंग में रंगा हुआ है और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

इस कार्यक्रम में बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी को भी आमंत्रित किया गया है। मंदिर ट्रस्ट का यह कदम सामाजिक सौहार्द और सद्भाव की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

लेकिन इस बीच एक बड़ा विवाद भी सामने आया है। जगतगुरु रामभद्राचार्य को इस निमंत्रण पत्र नहीं सौंपा गया है। जिसके चलते उन्होंने नाराज़गी जताई है। अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इतना सब करने के बाद भी हमारी उपेक्षाएं पूरी नहीं हुईं। हमको इस कार्यक्रम का आमंत्रण भी नहीं भेजा गया।

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