सत्या राजपूत, रायपुर। राजधानी के रेलवे स्टेशन स्थित सर्वधर्म संकट मोचन मंदिर में रामलीला महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री की पत्नी कौशल्या साय रहीं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कौशल्या साय ने कहा, धर्म की बात है तो मैं आदिवासी समाज से आती हूं। धर्म, जाति की लड़ाई में हमें नहीं फंसना है। जो परमात्मा से मिला है उसे लोगों को बांटो। यही कर्म ही पूजा है। जिसका जो बनता है सेवा दें, यह भी धर्म है।

उन्होंने कहा, हर पल भगवान हमें देख रहे हैं, ये सच है। भगवान कहते हैं कि हमारे बीच दस कदम का फासला है। एक कदम तो मेरे ओर आगे बढ़ाओ नौ कदम मैं आगे आऊंगा। महाभारत मारना सिखाती है और रामायण जीवन जीना सिखाती है, इसलिए राममय हो जाओ। धर्म स्तंभ काउंसिल छत्तीसगढ़ के डॉ. सौरभ निर्वाणी, मंहत सुरेंद्र दास व राजकुमार राठी की ओर से रामलीला महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में न्यूज 24 मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ व लल्लूराम डॉट कॉम के चेयरमैन नमित जैन और सलाहकार संपादक संदीप अखिल शामिल हुए।

धर्म में दिखावा नहीं होनी चाहिए : संदीप अखिल

चेयरमैन नमित जैन ने कहा, हमारा सौभाग्य है कि मुझे ऐसा टीम मिला, जो हमें प्रभु राम की ओर ले जाता है। यही प्रगति की राह है। भगवान राम से कोई दूर कैसे हो सकता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सलाहकार संपादक संदीप अखिल ने कहा, परिवार विहीन व्यक्ति सुखी नहीं हो सकता। पर के साथ ही सुख है, इसे समझने के लिए रामचरितमानस का अध्ययन जरूरी है। रामजी की भक्ति करना है तो केवट की तरह करें। सील, संयम, धैर्य, धर्म, कर्म भगवान राम के जीवन से सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म में दिखावा नहीं होनी चाहिए। रील के चक्कर में ना रहें, रीयल बनें।

कर्म ही पूजा है : महापौर मीनल चौबे

महापौर मीनल चौबे ने कहा, हमारे सनातन धर्म की रक्षा, प्रचार प्रसार के लिए राम लीला का आयोजन किया गया है, इसके लिए आयोजन टीम को बधाई देती हूं। उन्होंने चेयरमैन नमित जैन और सलाहकार संपादक संदीप अखिल को प्रदेश का गौरव बताया। महापौर ने कहा, संदीप अखिल जी ने जैसे कहा, धर्म में दिखावा नहीं होना चाहिए। मैं जल्दबाजी में घर में पूजा नहीं कर पाती, लेकिन जब भी मौका मिलता है ऐसे कार्यक्रम में जरूर जाती हूं। कर्म ही पूजा है। रायपुर की चाबी हमारे हाथों में दी गई है, उसी जिम्मेदारी को निभा रही हूं।