अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल में मतदाता सूची पुनरीक्षण के बीच एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। लोकतंत्र को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी निभा रहे बीएलओ की अचानक मौत से हड़कंप मच गया,  ड्यूटी का दबाव, समयसीमा का तनाव और लगातार काम… इसी बीच एक कर्मचारी ने रास्ते में ही अपनी आखिरी सांस ले ली। 

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सोहागपुर तहसील के प्राथमिक स्कूल मदरसा में पदस्थ 54 वर्षीय बीएलओ शिवकुमार सिंह की अचानक मौत हो गई,  जानकारी के मुताबिक, वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना कर रहे थे। इसी दौरान मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसएसआर) कार्य का दबाव भी उन पर बना हुआ था। कार्य के दौरान उनकी हालत अचानक बिगड़ी,  अस्पताल ले जाते समय ही उनकी मौत हो गई। प्राथमिक तौर पर यह हार्ट अटैक का मामला प्रतीत हो रहा है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि हो सकेगी। 

ग्रामीणों और स्टाफ का कहना है कि शिवकुमार सिंह बीमार होने के बावजूद निरंतर ड्यूटी कर रहे थे, समयसीमा का दबाव और लगातार काम उनकी परेशानी बढ़ा रहा था। वहीं प्रशासन का कहना है कि घटना दुखद है और जिले में 676 बीएलओ में से 453 का डिजिटाइजेशन कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

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बीएलओ शिवकुमार सिंह की मौत केवल एक कर्मचारी की मौत नहीं, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था के उन अनकहे दबावों की कहानी है।  जिन पर अब गंभीरता से विचार होना चाहिए। लोकतंत्र की नींव तभी मजबूत होगी, जब उसे संभालने वालों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किया जाए। यह घटना चेतावनी है। वहीँ इस मामले में भूपेंद्र मणि पाण्डेय का  कहना है कि इस घटना की न ही कोई सूचना आई है और न ही जानकारी है, इस मामले का पता लगता हूं। 

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