रायपुर। सत्य धर्म प्रिय जाहि समाना। तासु नयन रघुबीर बखाना॥ अर्थात् जो सत्य और धर्म से प्रेम करता है वही प्रभु को प्रिय होता है।राम चरित मानस की ये चौपाई छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव के संदर्भ में उचित जान पड़ती है। आज, 25 नवंबर 2025, छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव का 57वाँ जन्मदिन है। यह अवसर न सिर्फ उनके व्यक्तित्व और सार्वजनिक सेवा की यात्रा को याद करने का है, बल्कि यह भी सोचने का पल है कि किस तरह उन्होंने कानूनी पृष्ठभूमि से एक सरल किसान परिवार के बेटे के तौर पर राजनीतिक और प्रशासनिक समर्पण के सफर को तय किया है।

सरल शुरुआत और शिक्षा
रायपुर के जरहागाँव में जन्मे अरुण साव के पिता स्वर्गीय अभय राम साव एक शिक्षक थे और माता प्रमिला साव साधारण गृहणी थीं। किसानों के साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से आने वाले साव ने बचपन से जमीनी कठनाइयों और आम जन के संघर्ष को नजदीक से देखा था जिसने उन्हें असाधारण बनाया। मुंगेली के राज्य शासित एस.एन.जी. कॉलेज से बी.कॉम. की डिग्री और बिलासपुर के कौशलेन्द्र राव लॉ कॉलेज से एल.एल.बी. की शिक्षा के अलावा उनके शिक्षा पृष्ठभूमि में कंप्यूटर अनुप्रयोग में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और अन्य कौशल पाठ्यक्रमों की जानकारी भी मिलती है।
कानूनी करियर
पेशे से अधिवक्ता किसान परिवार के अरुण साव ने मुंगेली सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस की शुरुआत की फिर बिलासपुर उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में काम किया। उनका सार्वजनिक कानूनी सफर भी प्रेरक और उल्लेखनीय रहा वे मार्च 2005 से फरवरी 2006 तक उप शासकीय अधिवक्ता, मार्च 2006 से अगस्त 2013 तक शासकीय अधिवक्ता, और सितंबर 2013 से जनवरी 2018 तक उप महाधिवक्ता (Deputy Advocate General) के पद पर रहे। इस तरह उन्होंने सिर्फ न्यायालय में निपुणता ही नहीं दिखाई, बल्कि सरकारी कानूनी मामलों में विश्वास और वरिष्ठता भी हासिल की।
राजनीति में कदम: विद्यार्थी जीवन से पार्टी नेतृत्व तक
अरुण साव की राजनीतिक जड़ें ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) से जुड़ी थीं। वे 1990 के बाद से इस छात्र संगठन से जुड़े रहे। इसके बाद उन्होंने बीजेपी की युवा इकाइयों में काम किया और धीरे-धीरे संगठन में अपना विशिष्ठ स्थान बनाया। वर्ष 2022 में उन्हें भाजपा छत्तीसगढ़ की राज्य इकाई का अध्यक्ष बनाया गया। यह पद उनके संगठनात्मक नेतृत्व और पार्टी में उठते हुए प्रभाव का परिचायक था।
संसद और राज्य में जन-प्रतिनिधि
2019 में अरुण साव लोक सभा के लिए बिलासपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए। सांसद के रूप में उन्होंने कोयला और खान मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य के साथ-साथ कोयला एवं इस्पात से जुड़ी स्थाई समिति में भी योगदान दिया।अरुण साव 2023 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में वे लोरमी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने। उसी वर्ष 13 दिसंबर 2023 को वे छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री बने और उन्हें सार्वजनिक निर्माण (PWD), शहरी प्रशासन और जल संसाधन जैसे महत्वपूर्ण विभाग मिले।
नेतृत्व शैली और हाल की सक्रियताएँ
उप मुख्यमंत्री के रूप में अरुण साव ने विकास और सुशासन को प्रमुखता दी है। मई 2025 में उन्होंने रायपुर में “नगर सुराज संगम” नामक शहरी विकास सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें उन्होंने नगर पालिकाओं, मेयरों और अन्य प्रतिनिधियों के साथ मिलकर अगले पाँच सालों के लिए विकास की कारगर योजनाएं बनाई इसके साथ ही उन्होंने लोक-निरीक्षण अभियान भी चलाया। विकास के लिए सदा जागरूक रहने वाले अरुण साव ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए, उन्होंने मुंगेली में आयोजित सारस मेला का उद्घाटन किया, जहाँ ग्रामीण उत्पादन और महिलाओं की स्व-रोज़गार क्षमता को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए गए।
व्यक्तिगत पक्ष और रुचियाँ
राजनीति और कानूनी जीवन के अलावा अरुण साव की व्यक्तिगत पहचान भी सरल और सुसंगत है। उनकी रूचि खेलों में है खासकर कबड्डी, वॉलीबाल, क्रिकेट और बैडमिंटन इसके अलावा वे ऐतिहासिक-पौराणिक स्थलों की यात्रा करने के शौकीन हैं। कहा जा सकता है कि वे न सिर्फ आधुनिक राजनीतिक जीवन में सक्रिय हैं, बल्कि सांस्कृतिक विरासत और खेल जीवन की भी कदर करते हैं।वे अपने सामाजिक संगठन विशेष रूप से साहू समाज में भी सक्रिय रहे हैं जिसमें तहसील, जिला और प्रादेशिक स्तर पर अलग-अलग जिम्मेदारियों को निभाते आए हैं।
प्रदेश की राजनीति में पहचान और योगदान
अरुण साव की राजनीति सिर्फ कानूनी और चुनावी काम तक सीमित नहीं है। उनकी नेतृत्व क्षमता का प्रमाण बीजेपी छत्तीसगढ़ इकाई की अध्यक्षता, राज्य सरकार में महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी और विभिन्न सामाजिक-विकास पहलों में उनकी भागीदारी से मिलता है.
अरुण साव – एक प्रेरणा और जनता-सेवक
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव का जन्मदिन राज्य के नागरिकों और राजनीति की समझ रखने वालों के लिए अवसर भी है कि वे अरुण साव के उस सफर की सराहना करें जो शिक्षा-कानून-राजनीति और प्रशासन से गुज़रते हुए उनकी आज की स्थिति तक पहुंचा है।
अरुण साव का जीवन यह दिखाता है कि कैसे एक सामान्य किसान-पारिवारिक पृष्ठभूमि से आने वाला व्यक्ति, मेहनत, अध्ययन और जनता के प्रति सेवा भाव के साथ, राज्य के उच्चतम पदों तक पहुंच सकता है और प्रदेश की विकास-नीति में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।इस जन्मदिन पर उनके लिए तमाम शुभकामनाओं के साथ ही एक आशा भी बनी हुई है कि वे इसी तरह भविष्य में भी छत्तीसगढ़ के विकास और सुशासन के लिए दृढ़ निश्चय और समर्पण के साथ काम करते रहेंगे।
संदीप अखिल,
सलाहकार संपादक
NEWS 24 मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़/ लल्लूराम डॉट कॉम

