प्रशासनिक काम काज में कसावट लाने और विभागी अधिकारी कर्मचारियों को सुविधा देने के लिए सप्ताह में दो दिन शनिवार और रविवार अवकाश दिया है. इसके साथ ही सुबह 11 बजे के बजाए 10 बजे दफ्तर आने का समय तय किया है. लेकिन बीते चार वर्षो में विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने पुराने ढर्रे के अनुसार सुबह 11 बजे के बाद भी दफ्तर पहुंच रहे हैं.
Chhattisgarh News: बिलासपुर. कलेक्टर संजय अग्रवाल ने सोमवार सुबह 10 बजे न्यू कम्पोजिट बिल्डिंग में संचालित दर्जनभर विभागों का औचक निरीक्षण कर प्रशासनिक व्यवस्था की हकीकत सामने ला दी. बिना पूर्व सूचना किए गए इस निरीक्षण में कई विभागों में अधिकारियों और कर्मचारियों की गैरमौजूदगी ने चौंकाने वाली तस्वीर पेश की, जिस पर कलेक्टर ने तीखी नाराजगी जाहिर की.

प्रशासनिक काम काज में कसावट लाने और विभागी अधिकारी कर्मचारियों को सुविधा देने के लिए सप्ताह में दो दिन शनिवार और रविवार अवकाश दिया है. इसके साथ ही सुबह 11 बजे के बजाए 10 बजे दफ्तर आने का समय तय किया है. लेकिन बीते चार वर्षो में विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने पुराने ढर्रे के अनुसार सुबह 11 बजे के बाद भी दफ्तर पहुंच रहे हैं. इसकी वास्तविकता परखने के लिए सोमवार को कलेक्टर संजय अग्रवाल ने सुबह 10 बजे दर्जन भर दफ्तरों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान न्यू कम्पोजिट बिल्डिंग में संचालित दर्जन भी विभाग को पहुंच सबसे गंभीर स्थिति उद्योग विभाग में सामने आई, जहां निरीक्षण के समय सिर्फ एक चपरासी ही मौजूद मिला.
इतना ही नहीं जब कलेक्टर कोष लेखा विभाग पहुंचे तो वहां तो चपरासी तक कार्यालय में मौजूद नहीं मिला. कर्मचारियों की अनुपस्थिति पर कलेक्टर अग्रवाल का गुस्सा साफ नजर आया. उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि जब वेतन कटेगा, तब समय पर आने की कीमत समझ में आएगी. उन्होंने मौके पर ही सभी विभागों के उपस्थिति रजिस्टर मंगवाए और कर्मचारियों की हाजिरी की जांच की.
श्रम विभाग ने की मिसाल पेश
कलेक्टर निरीक्षण के दौरान श्रम विभाग की स्थिति बिल्कुल उलट नजर आई. यहां कुल 37 कर्मचारियों में से 35 कर्मचारी समय पर कार्यालय में उपस्थित पाए गए. कलेक्टर ने इस अनुशासन का राज पूछा तो श्रमायुक्त ने बताया कि पहले मैनुअल रजिस्टर से उपस्थिति दर्ज होने के दौरान यहां भी लापरवाही होती थी, लेकिन जब से बायोमैट्रिक हाजिरी लागू की गई है, तब से कर्मचारी समय पर कार्यालय पहुंच रहे हैं. कलेक्टर ने अन्य विभागों में श्रम विभाग का मिशाल पेश किया.
बायोमैट्रिक मशीन अनिवार्य
सभी दफ्तरो में बायोमैट्रिक मशीन से हाजरी लगनी है. लेकिन अधिकांश विभाग में बायोमैट्रिक सिस्टम से अटेंडेंश नही हो रहा है. इसको लेकर कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी कार्यालयों में बायोमैट्रिक मशीन का अनिवार्य रूप से उपयोग किया जाए और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

