पटना। नई सरकार के गठन के बाद मंगलवार को सचिवालय में नीतीश कैबिनेट की पहली बैठक हुई। नए चेहरों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10 बड़े प्रस्तावों पर मुहर लगाई जिनका सीधा असर आने वाले वर्षों में बिहार की अर्थव्यवस्था और रोजगार पर पड़ने वाला है।
जानें क्या बोले मुख्य सचिव
बैठक के बाद मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि बिहार में 25 नई चीनी मिलें स्थापित की जाएंगी। कई जिलों की बंद पड़ी 9 चीनी मिलों के फिर से धुंआ छोड़ने की उम्मीद अब जागी है। इन फैसलों से न सिर्फ किसानों को राहत मिलेगी बल्कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार का बड़ा दरवाजा खुल सकता है।
जानें क्या क्या लिए गए फैसले
इसी के साथ राज्य में 11 नए टाउनशिप विकसित करने का निर्णय लिया गया है जिसमें 9 प्रमंडलीय मुख्यालयों के अलावा सीतामढ़ी और सोनपुर को भी शामिल किया गया है। यह निर्णय उन लाखों लोगों के लिए उम्मीद की किरण है जो अपने शहरों को विकसित स्वरूप में देखना चाहते हैं।
विशेषज्ञों को किया गया शामिल
बिहार को पूर्वी भारत का नया टेक हब बनाने की दिशा में भी बड़ा ऐलान किया गया है। डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर मेगा टेक सिटी और फिनटेक सिटी ये सभी प्रोजेक्ट सुनने में भले भविष्य की बात लगे लेकिन कैबिनेट की मंजूरी ने इन्हें जमीन पर उतारने की पहली सीढ़ी चढ़ा दी है। इसके लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई जाएगी, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य बिहार को ग्लोबल बैक-एंड हब और ग्लोबल वर्कप्लेस बनाना है। यही नहीं, बिहार में टेक्नोलॉजी और सेवा-आधारित नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन की भी मंजूरी दी गई है जो राज्य को नई तकनीक की दुनिया में मजबूत पहचान दिला सकता है। कैबिनेट की इस पहली बैठक ने साफ कर दिया कि नीतीश सरकार इस बार बड़े विजन के साथ मैदान में उतरी है और बिहार के लोग इन सपनों को साकार होते देखने की प्रतीक्षा में हैं।
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