भुवनेश्वर। ओडिशा में बारिश की चेतावनी है. बहुत जल्द ही यहाँ मौसम में काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं. बंगाल की खाड़ी में शीतकालीन चक्रवात की आशंका बढ़ गई है। मौसम वैज्ञानिक तेजी से विकसित हो रहे इस तंत्र पर नजर बनाए हुए हैं, जो इस सप्ताह के अंत तक दक्षिण ओडिशा के कुछ हिस्सों को प्रभावित कर सकता है।

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार इन दोनों में से एक प्रणाली लगातार मजबूत हो रही है और अगले 72 घंटों में चक्रवात का रूप ले सकती है, जबकि दूसरी प्रणाली पर नजर रखी जा रही है।

आइएमडी की जानकारी के अनुसार, मजबूत प्रणाली धीरे-धीरे संगठित हो रही है और जल्द ही गहरे दबाव में बदल सकती है। यदि यह और तीव्र होती है, तो दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में स्थित रहते हुए चक्रवात का रूप ले सकती है।

भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटों में यह प्रणाली दबाव के रूप में बदल सकती है। इसके बाद के 48 घंटों में इसके चक्रवात में बदलने की संभावना है। यह दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर रहेगा।

प्रत्यक्ष प्रभाव न पड़ने के बावजूद, आइएमडी ने दक्षिणी जिलों में अगले दो दिनों के भीतर हल्की बारिश की संभावना जताई है। इसके साथ ही, 48 घंटे बाद कई क्षेत्रों में बादल छाए रहने की संभावना है तथा पूर्वोत्तर दिशा से हवाएं तेज होने पर न्यूनतम तापमान में 2 से 3°C तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है।

ओडिशा सतर्क, जिला प्रशासन अलर्ट पर

राज्य की आपदा प्रबंधन इकाइयों और जिला प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। मंत्री ने बताया कि दक्षिण अंडमान सागर के पास विकसित हो रही ये दो प्रणालियां गर्म समुद्री जल के ऊपर बढ़ते हुए आपस में मिल भी सकती हैं, जिससे खतरा बढ़ने की संभावना है।

पुजारी ने यह भी कहा कि शुरुआती संकेतों के अनुसार यदि मौजूदा ट्रैक कायम रहता है तो तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र प्रदेश पर इसका असर ओडिशा की तुलना में अधिक हो सकता है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि चक्रवातों के मार्ग अक्सर बदलते रहते हैं। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि चक्रवात ‘मोंथा’ पहले मालकानगिरी को प्रभावित करने की आशंका थी लेकिन वह मुश्किल से उसके सीमा क्षेत्र को छू पाया।

27 नवंबर की सुबह तक हवा की रफ्तार 100 किमी/घंटा के करीब पहुंच सकती है, जिससे समुद्री गतिविधियों और तटीय स्थितियों को लेकर चिंता बढ़ गई है।