रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले मामले में एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। जांच में सामने आए नए तथ्यों के आधार पर ACB-EOW की टीम ने आज राजधानी रायपुर के पिथालिया कॉम्प्लेक्स स्थित करन ट्रेवल्स में दबिश दी है।


इस छापेमारी कार्रवाई में जांच टीम ने ट्रेवल एजेंसी से अधिकारियों, राजनेताओं और संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री और होटल बुकिंग से जुड़े कई अहम दस्तावेज बरामद किए हैं। इन दस्तावेजों में देश-विदेश के दौरों के अलावा कश्मीर, तिरुपति और उदयपुर की यात्राओं की जानकारी मिली है।
जांच एजेंसी को संदेह है कि शराब घोटाले से जुड़े पैसों का उपयोग इन यात्राओं और होटल बुकिंग में नगद भुगतान के रूप में किया गया है। फिलहाल, EOW की टीम अभी भी रेड कार्रवाई कर रही है।
क्या है शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान 2019 से 2023 तक शराब नीति को बदलकर चहेते सप्लायरों के माध्यम से शराब घोटाला हुआ। इसमें लाइसेंस की शर्तें ऐसी रखी गई कि चहेती कम्पनियों को काम मिल सके। उन कंपनियों ने नकली होलोग्राम और सील बनवाई। यह काम नोएडा की एक कंपनी ने किया। इसके बाद नकली होलोग्राम लगी शराब की महंगी बोतलें सरकारी दुकानों के माध्यम से बिक्री करवाई गई। चूंकि नकली होलोग्राम था तो बिक्री की जानकारी शासन को नहीं हो पाती थी और बिना एक्साइज टैक्स दिए शराब की बिक्री होती रही। इस तरह से शासन को 2165 करोड़ रुपए के टैक्स का चूना लगाया गया। यह रकम कांग्रेस भवन बनवाने से लेकर नेताओं,अधिकारियों और मंत्रियों तक बटे।
शराब घोटाला मामले में अब तक पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके अलावा आबकारी विभाग के 28 आबकारी अधिकारी भी आरोपी बनाए गए थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है।
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