शरद पाठक, छिंदवाड़ा। एक बोरी सीमेंट की कीमत क्या हो सकती है 300, 500 या अधिक महंगाई होने पर भी 1000 रुपए। लेकिन वही सीमेंट की 1 बोरी आपको एक लाख ब्यानवे हजार रुपए में पड़ जाए तो यह असंभव लगता है। लेकिन यह अजब-गजब करनामा हुआ है मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जहां एक सामुदायिक भवन की सिर्फ छत और 15 पिलर गाड़ने के लिए ही 17 लाख रुपए फूंक दिए गए। साथ ही सीमेंट की एक बोरी लाखों रुपए में खरीदी गई।

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दरअसल, पूरा मामला जुन्नारदेव विशाला ग्राम पंचायत का है। पहली पारी के नाम से चौरागढ़ की पहाड़ियों की शुरुआत होती है। यहां पर यह शंकर जी की मूर्ति का भी निर्माण कराया जा रहा है। उसी के बगल में सामुदायिक भवन के लिए ग्राम पंचायत में काम शुरू किया था। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार इसकी लागत 24 लाख रुपए है। जिसमें से करीब 17 लाख रुपए खर्च कर दिए गए हैं। ग्राम पंचायत ने सरकार के पोर्टल पंचायत दर्पण में जो बिल अपलोड किया है, उसमें एक बोरी की सीमेंट कीमत 1 लाख 12 हजार रुपए दिखाया है और इसे निकाल भी लिया गया है। इतना ही नहीं, एक दिन में 3 बोरी सीमेंट 4 लाख 96 हजार रुपए में खरीदी गई है।

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जुन्नारदेव विशाला के सरपंच शंकर कुमरे ने बताया कि यह सामुदायिक भवन का निर्माण विधायक निधि से कराया जा रहा है और जनपद पंचायत इसकी एजेंसी है। लेकिन जब एक बोरी सीमेंट का बिल एक लाख बयानवे हजार रुपए में खरीदी का सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि करीब 250 बैग सीमेंट खरीदी गई है। बिल में कुछ और भी चीज हो सकती है, मैं देख कर बताऊंगा।

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लेकिन पंचायत दर्पण में जो बिल अपलोड किया गया है, उसका विवरण ब्लर है और मूल रकम एक लाख बयानबे हजार रुपए दिखाई जा रही है। 1 दिसंबर 2023 को तीन बिल सीमेंट के एक-एक बोरी के दाम पंचायत ने अपलोड किए हैं। जिसमें एक बोरी 1 लाख 92 हजार, दूसरी बोरी एक लाख बयानवे हजार और तीसरी बोरी एक लाख 12 हजार रुपए की खरीदी बताई गई है। खास बात यह भी है कि उपरोक्त निर्माण का कोई नक्शा नहीं है।

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छिंदवाड़ा कलेक्टर हरेंद्र नारायण ने बताया कि ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि सामुदायिक भवन की जगह मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। संबंधित अधिकारियों को इस मामले में जांच के लिए नोटिस जारी किया गया है। क्योंकि जहां सामुदायिक भवन बना है, वहां पर उसका स्ट्रक्चर नहीं है। ऐसे में जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों से पूरी रकम रिकवर की जाएगी।

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