विक्रम मिश्र, लखनऊ. राजधानी लखनऊ सहित यूपी के अलग-अलग जिलों में कदम-कदम पर जालसाजों ने जाल फैला रखा है. कोई नौकरी के नाम पर ठग रहा है तो कोई बड़े कारोबार तो कोई नामी-गिरामी स्कूल-कॉलेजों में दाखिला कराने के नाम पर. बिहार राज्य के दो जालसाजों ने आधा दर्जन लोगों को बड़े-बड़े संस्थानों में एडमिशन कराने के नाम पर छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से करोड़ों रुपये ठग चुके हैं. मामले का पता तब लगा जब आजमगढ़ निवासी विजय बहादुर, राजेश वर्मा, दीप सिंह, प्रीति सिंह, अनिल और स्मिता राव राजधानी लखनऊ में बने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर उन्हें दबोचा तो पता चला कि यह लोग सिर्फ 6 लोगों को नहीं बल्कि अब तक कईयों लोगों को अपने बूने हुए जाल में फंसाकर करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं.

आजमगढ़ जिले के पवई थाना क्षेत्र स्थित मोहम्मदपुर निवासी विजय बहादुर, राजेश वर्मा, दीप सिंह, प्रीति सिंह, अनिल कुमार और स्मिता राव जालसाजों द्वारा फर्जी तरीके से बनाई गई वेबसाइट और इंस्टाग्राम पर प्रचार-प्रसार हाईटेक जालसाजों से संपर्क किया. अच्छा भविष्य संवारने के चक्कर में ऐसा फंसे की अपनी-अपनी जीवन भर की कमाई हुई रकम गंवा बैठे.
साइबर सेल टीम के हत्थे चढ़ा सरगना औरंगाबाद बिहार निवासी अभिनव शर्मा उर्फ प्रेम शंकर विद्यार्थी ने अपने नापाक मंसूबों को पेश किया तो मानो पुलिस अफसर भी सन्न रह गए कि अरे… रे इतना बड़ा शातिर.

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शातिराना दिमाग वाले साइबर जालसाज अभिनव शर्मा और संतोष कुमार ने यूपी के अलग-अलग जिलों में आलिशान दफ्तर खोल सोशल मीडिया के जरिए ऐलान किया कि नीट परीक्षा पास किए हुए अभ्यर्थियों में जिनकी मैरिट कम है और जिनको नीट काउंसलिंग से अच्छे मेडिकल संस्थान में प्रवेश नहीं मिल सकता है वह पूरे कागजात के साथ संपर्क करें और अपना भविष्य संवारे. फिर क्या यहीं से जालसाजों की लुभावनी घोषणाएं शुरू कर दी.

इसके बाद जालसाजों ने बाराबंकी स्थित हिन्दी मेडिकल कॉलेज और सीतापुर में मैनेजमेंट कोटे के बारे में फोन करके सभी को कन्सल्टेंसी कार्यालय बुलाकर एडवांस में जालसाजी के तहत मोटी रकम ऐंठनी शुरू कर दी. सभी पीड़ित लोगों को बड़े सपने दिखाने के बाद अभ्यर्थियों के अभिभावकों से हजार दो हजार रुपये नहीं बल्कि उनसे लाखों रुपए ऐंठ फुर्र हो गए. खुद की गाढ़ी कमाई लुट जाने का एहसास अभ्यर्थियों के अभिभावकों को उस समय पता चला जब सबकुछ जाली दस्तावेज सामने आया. तब जाकर अभ्यर्थियों के अभिभावकों ने इसकी शिकायत साइबर थाने में की. बड़ा मामला होने पर इस मामले में बड़े पुलिस अफसरों ने गंभीरता लिया और अब करोड़ों की ठगी करने वाले दोनों हाईटेक जालसाज सलाखों के पीछे पहुंच गए.