भिलाईनगर। भुइयां साफ्टवेयर में पटवारी का यूजर आईडी एवं पासवर्ड ओटीपी देकर ऑनलाइन पोर्टल में छेड़खानी के आरोप में 11 वें आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. प्रकरण में अब तक 1 नाबालिग सहित 10 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और आरोपियों की गिरफ्तारी होना बाकी है.

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एएसपी अभिषेक झा ने बताया कि प्रार्थी तहसीलदार राधेश्याम वर्मा तहसील कार्यालय अहिवारा जिला दुर्ग में 13 अगस्त को रिपोर्ट दर्ज कराया कि पटवारी हल्का नंबर 16 के ग्राम अछोटी एवं मुंरमुदा तहसील अहिवारा जिला दुर्ग के भुंईया साफ्टवेयर में अज्ञात आरोपियों द्वारा उक्त साफ्टवेयर को हैक कर छेड़छाड़ कर फर्जी तरीके से भारतीय स्टेट बैंक शाखा नंदिनी नगर से 36 लाख रुपए का आहरण किया गया था.

इस मामले में जांच के दौरान पुलिस ने 1 नाबालिग सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. विवेचना क्रम में आरोपी गिरधर बंजारे उर्फ अमन बंजारे (33 वर्ष) जांजगीर चांपा को भुइयां साफ्टवेयर में पटवारी का यूजर आईडी एवं पासवर्ड ओटीपी देकर ऑनलाइन पोर्टल में छेड़खानी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा है.

ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले तीनों आरोपी निकले बीएसपी कर्मचारी

भिलाईनगर। एसीसीयू यूनिट एवं स्मृतिनगर पुलिस ने मोबाइल के माध्यम से अवैध रूप से सट्टा संचालित करने वाले भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत कर्मचारियों के गिरोह को पकड़ा है. प्रकरण में गिरफ्तार आरोपी राज रत्न भिलाई इस्पात संयंत्र का नियमित कर्मचारी और दोनों आरोपी राकेश सिंह एवं टीका राम साहू ठेका श्रमिक निकले. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से तीन नग मोबाइल, एक मोटर साइकिल एवं 86940 रुपए नगद बरामद किया है.

भिलाईनगर सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि सूत्रों से पता चला कि टाटा लाइन कोहका चौकी, स्मृतिनगर क्षेत्र में राकेश सिंह अपने मोबाइल से सट्टा-पट्टी लिख रहा है. सूचना पर एसीसीयू एवं स्मृतिनगर की संयुक्त टीम गठित कर दबिश देकर मौके पर मोबाइल के माध्यम से सट्टा-पट्टी लिखकर सट्टा जुआ खिलाते आरोपी राकेश कुमार सिंह (45 वर्ष) निवासी टाटा लाइन कोहका सड़क नं. 18 बजरंग पारा कोहका चौकी स्मृतिनगर एवं उसके साथी टीका राम साहू निवासी ग्राम डुण्डेरा शंकर नगर तथा राजरत्न नागदेवते निवासी सेक्टर 04 को पकड़ा.

आरोपियों के मोबाइल को चेक करने पर उसमें सट्टा-पट्टी खिलाने से संबंधित लाखों का ब्योरा पाया गया. मौके पर आरोपियों के कब्जे से सट्टा जुआ में प्रयुक्त तीन नग मोबाइल, एक मोटर साइकिल एवं नगदी रकम 86940 रुपए सहित कुल 1,66,940 रुपए जब्त कर आरोपियों के विरूद्ध छ.ग. जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 की धारा 7 के तहत अपराध पंजीबद्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

तीन घंटे विशेष अभियान चलाकर 300 घरों में पुलिस ने दी दबिश

भिलाईनगर। दुर्ग पुलिस ने विशेष अभियान चलाकर 300 घरों में दबिश देकर छावनी एवं दुर्ग अनुविभाग क्षेत्र में संदिग्ध स्थान एवं व्यक्तियों का जांच किया. राजपत्रित अधिकारियों की निगरानी में संदिग्धों का फिंगर प्रिंट लिया गया.

पुलिस प्रवक्ता पद्मश्री तंवर ने बताया कि दुर्ग पुलिस ने आपरेशन विश्वास अभियान के तहत जिला में शान्ति व्यवस्था कायम रखने के लिए अवैध मादक पदार्थों के विक्रय तथा परिवहन तथा चाकू तथा हथियार से आतंक फैलाने वाले एवं संदिग्ध व्यक्तियों एवं वाहनों की चेकिंग के लिए दुर्ग पुलिस ने बुधवार को छावनी अनुविभाग क्षेत्र के देवार मोहल्ला / मछली मार्केट खुर्सीपार एवं दुर्ग अनुविभाग क्षेत्र के सिकोला भाठा क्षेत्र में अनुविभाग के नगर पुलिस अधीक्षक की निगरानी में विशेष पुलिस टीम गठित कर प्रातः 4 बजे 7 बजे तक लगभग 300 घरों में दबिश दी. इस दौरान मिले संदिग्ध व्यक्तियों का फिंगर प्रिंट लिया गया है, जिनका डाटाबेस तैयार किया जा रहा है.

दुर्ग निगम के कर्मचारियों को फिर वेतन का संकट

दुर्ग। नगर निगम दुर्ग के कर्मचारियों के सामने वेतन का फिर संकट खड़ा हो गया है. नवम्बर माह के 26 दिन बीतने के बावजूद भी इन कर्मचारियों को अक्टूबर माह का वेतन नहीं मिल पाया है.

दरअसल, वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 के 7 माह में राजस्व की वसूली अपेक्षाकृत बेहद कमजोर हुई है. इसका विपरीत असर कर्मचारियों के वेतन पर पड़ रहा है. वैसे भी राजस्व की वसूली के लिए निगम प्रशासन कोई ठोस योजना नहीं बना पा रही है. इसके पहले सहायक राजस्व अधिकारी शुभम गोईर के नेतृत्व में राजस्व की रिकॉर्ड वसूली की गई थी. तब निगम के कर्मचारियों अधिकारियों को वेतन के लिए जूझना नहीं पड़ता था.

वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों में घोर निराशा के साथ आक्रोश भी पनप रहा है. दुर्ग निगम के रेगुलर कई कर्मचारियों को अक्टूबर माह का वेतन नहीं मिला है. इन्हें वेतन देने फिलहाल करीब 75 लाख रुपए की जरूरत है. राजस्व वसूली का इंतजार हो रहा है. राजस्व वसूली ठीक-ठाक होने पर ही इन कर्मचारियों को वेतन मिल पाएगा. वैसे राजस्व वसूली के लिए निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं.

हालांकि, राजस्व वसूली कमजोर होने के पीछे विभागीय कर्मचारियों का निर्वाचन कार्य में ड्यूटी लगना बताया जा रहा है. इस ड्यूटी के चलते ये कर्मचारी राजस्व की वसूली करने नहीं निकल पा रहे हैं. बता दें कि राजस्व के रूप में संपत्ति कर समेकित कर जल कर निर्यात कर, दुकानों का किराया, भवन भूखंड, दुकानों की बिक्री, कॉलोनी अनुज्ञा, विज्ञापन होर्डिंग, पार्किंग, यूजर चार्ज सहित अन्य मद शामिल है.

रिटेंशन आवासों का किराया बढ़ाना गलत – देवेन्द्र यादव

भिलाईनगर। विधायक देवेन्द्र यादव ने आज कहा कि बीएसपी के रिटेंशन आवासों का मनमाने तरीके से किराया बढ़ाना गलत है. लोग बढ़ा किराया नहीं पटाएंगे. किसी का आवास खाली कराने नहीं दिया जाएगा. बीएसपी में निजीकरण के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा.
लोक सृजन समिति के तत्वाधान में आज सेक्टर 1 में संविधान दिवस मनाया गया.

इस मौके पर बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने संविधान का पालन करने की शपथ ली. साथ ही बीएसपी मैनेजमेंट द्वारा रिटेंशन आवासों का मनमाना किराया बढ़ाने का कड़ा विरोध किया गया. इनकी मांगों का समर्थन करने विधायक देवेन्द्र यादव भी पहुंचे. उन्होंने रिटायर्ड लोगों को आश्वस्त किया कि उनका आवास खाली कराने नहीं दिया जाएगा. मैनेजमेंट को इस मुद्दे पर बैठक कर बात करना चाहिए. आज लोक सृजन समिति की ओर से कार्यपालक निदेशक के नाम ज्ञापन भी दिया गया. इसमें रिटेंशन आवासों का किराया 24 रु. प्रति वर्गफीट करने का विरोध किया गया. पी. पी. एक्ट के दुरूपयोग पर रोक लगाने की मांग भी की गई.

ज्ञापन में कहा गया कि 9 फरवरी 2008 को सेल के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर तत्कालीन इस्पात मंत्री स्व. रामबिलास पासवान ने हाऊस लीज योजना के तत्काल लागू करने की घोषणा भिलाई में की थी. इस घोषणा पश्चात 25 जुलाई 2008 को सेल बोर्ड की 340वीं बैठक में लीज आवासों के अतिरिक्त निर्माण के विर्नियमितीकरण पश्चात लीज योजना लागू करना तय किया गया था भिलाई में इसे तत्काल 599 वगफुट तक के आवासों को तुरंत ही चालू करने का निर्देश भी दिया गया.

वर्ष 2008 में ही सेवा निवृत्त हो रहे कई कमियों के ग्रेज्युटी की राशि से दो लाख रूपये अग्रिम रूप से प्रबंधन ने हाऊस लीज रिकवरी के रूप में रख ली थी . इन्ही में से अधिकांश पूर्व कार्मिकों को कुछ शर्तों के साथ 2 वर्ष तक संयंत्र आवासों में रहने की अनुमति दी गई तथा हाऊस लीज रिकवरी की राशि को सुरक्षा निधि के रूप में परिभाषित किया गया. इन पूर्व कार्मिकों को मौखिक रूप से यह प्रबंधन ने आश्वस्त किया कि भविष्य में लीज योजना के लागू होने पर रिटेंशन स्कीम में रह रहे पूर्व कार्मिकों को समाहित कर लिया जाएगा.