Sai Sudarshan career is almost over: टीम इंडिया को 26 नवंबर को वो दिन देखना पड़ा, जो इतिहास में उसने कभी नहीं देखा था. गुहावाटी के मैदान पर भारत 408 रनों के बड़े अंतर से हार गया. ये हार इसलिए चुभने वाली है, क्योंकि ये भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सबसे बड़ी हार है. ऋषभ पंत की कप्तानी मं टीम इंडिया पर ये दाग लगा है. हार का विलेन कोई एक खिलाड़ी नहीं था, बल्कि पूरी टीम ने बढ़िया प्रदर्शन नहीं किया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ घुटने टेक दिए. इस हार के साथ ही अफ्रीकी ने सीरीज पर 2-0 से कब्जा कर लिया. इस सीरीज के खत्म होने के बाद एक खिलाड़ी का करियर लगभग खत्म माना जा रहा है, ये कोई और नहीं बल्कि वो खिलाड़ी है, जिसे बार-बार मौका मिलने के बाद भी उसने कुछ खास कमाल नहीं किया.

यहां जिस खिलाड़ी की बात हो रही है वो कोई और नहीं बल्कि साई सुदर्शन हैं. भारत और साउथ अफ्रीका के खिलाफ हालिया टेस्ट सीरीज ने भारतीय क्रिकेट में एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या साई सुदर्शन का टेस्ट करियर अब खत्म होने की कगार पर है? ऐसा इसलिए क्योंकि टीम इंडिया ने उन पर नंबर-3 के अहम स्थान की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन लगातार असफल रहने के कारण अब उनके चयन पर सवाल उठ गया है, जो स्वाभाविक भी है. गुवाहाटी टेस्ट में उनके फ्लॉप प्रदर्शन ने यह साफ कर दिया कि इस बड़े मंच पर उनके लिए जगह बचाना बेहद कठिन हो गया है.

लगातार मौके, लेकिन प्रदर्शन निराशाजनक

भारतीय टीम मैनेजमेंट और सेलेक्टर्स ने साई सुदर्शन पर बड़ा भरोसा दिखाते हुए उन्हें नंबर-3 की पोजीशन पर लगातार 6 टेस्ट मैचों में आजमाया. हालांकि, इतने मौके मिलने के बावजूद वह टीम के लिए मैच जिताऊ बल्लेबाजी करने में नाकाम रहे. उन्होंने इन 6 मैचों की 11 पारियों में 0, 30, 61, 0, 38, 11, 7, 87, 39, 15 और 14 रन बनाए. कुल मिलाकर सिर्फ 302 रन, जिसमें सिर्फ 2 अर्धशतक आए. यह आंकड़े एक टॉप ऑर्डर बल्लेबाज के लिए काफी कमजोर माने जाते हैं.

पहले विदेशी में फ्लॉप, फिर घर में भी वही हाल

साई सदुर्शन ने इंग्लैंड दौरे पर डेब्यू किया था. जहां वो फ्लॉप रहे. साई का बल्ला विदेशी पिचों पर नहीं चला. फिर उन्हें भारतीय परिस्थितियों में भी मौका मिला, लेकिन वो बड़ी पारियां नहीं खेल सके. खासकर नंबर-3 जैसी अहम पोजीशन पर निरंतरता और धैर्य सबसे बड़ा हथियार होता है, पर साई सुदर्शन का टेंपरामेंट शुरुआत से ही सवालों के घेरे में रहा है. अब उनकी टेस्ट टीम से छुट्टी हो सकती है और जगह मिलना भी मुश्किल है.

गुवाहाटी टेस्ट में विलेन साबित हुए

गुहावाटी टेस्ट में टीम इंडिया को 408 रनों से बड़ी हार झेलनी पड़ी. दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया को मजबूत शुरुआत की जरूरत थी, लेकिन साई सुदर्शन दोनों पारियों में 15 और 14 रन बनाकर आउट हो गए. यह विफलता टीम इंडिया के मिडिल ऑर्डर को अस्थिर करने वाली साबित हुई. इस खराब प्रदर्शन ने उनके टेस्ट भविष्य को और अधिक धुंधला कर दिया है.

बाहर बैठे बल्लेबाज ज्यादा तैयार

भारत की टेस्ट टीम में जगह बनाना अब पहले से ज्यादा मुश्किल है. सरफराज खान, तिलक वर्मा और अभिमन्यु ईश्वरन जैसे बल्लेबाज लंबे समय से मौका मिलने का इंतजार कर रहे हैं. सरफराज खान तो घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बरसा रहे हैं, ऐसे में उनका बाहर बैठना पहले ही विवाद का विषय रहा है. सेलेक्टर्स ने साई सुदर्शन को मौका देकर बड़ा जोखिम उठाया, लेकिन वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. ऐसे में चयन समिति अब उन्हें दोबारा मौका दे, इसकी संभावना बहुत कम रह गई है.