Sarson ka Saag : ठंड के मौसम में सरसों का साग और मक्के की रोटी का शानदार कॉम्बिनेशन होता है. ठंड के मौसम में बहुत अच्छी सरसों की भाजी आती है इसलिए इसे जरूर बनाकर खाना चाहिए और इसके फायदे लेने चाहिए. पर कई बार सरसों की भाजी सभी से अच्छे से बनती नहीं है और इसे बनाने में अक्सर कुछ न कुछ ग़लतियाँ कर देते हैं. तो चलिए जानते हैं की सरसों का साग बनाते समय हमें क्या गलतियाँ करने से बचना चाहिए.

बहुत लंबे समय तक साग को उबालना

सरसों का साग बहुत ज़्यादा लंबे समय तक उबालने से उसका रंग फीका पड़ जाता है और इस साग में मौजूद विटामिन C सहित कई न्यूट्रिएंट भी ख़त्म हो जाते हैं. इसलिए सरसों को बस उतनी ही देर पकाएँ जितने देर में वो नरम हो जाए. यदि आप इसे प्रेशर कुकर में उबाल रहे हैं तो एक सीटी में हो जाएगा और यदि कढ़ाई में उबाल रहे हैं तो पाँच से सात मिनट ही उबालें.

सही तरह से भाजी को धोएँ

किसी भी भाजी को पकाने से पहले अच्छी तरह से धोना बहुत जरूरी है. कई बार लोग भाजी को एक बार दो के पकाने रख देते हैं, जिससे भाजी का स्वाद भी अच्छा नहीं आता है. सरसों की भाजी को तोड़ने के बाद कम से कम दो या तीन बार अच्छे से नमक पानी से धोएँ और फिर पकाएँ.

भाजी को बहुत बारीक काटना

कई लोग भाजी को बहुत ही ज़्यादा बारीक बारीक काट देते हैं, जिसकी वजह से भी उसका स्वाद चला जाता है और सारे पोषक तत्व भी कम हो जाते हैं.

तड़का बहुत देर बाद डालना

भाजी को बहुत तेज आँच में भुनने से उसका हरा रंग लाइट पड़ जाता है, स्वाद में कड़वापन भी आ जाता है. भाजी के लिए जो तड़का तैयार किया जाता है, उसे भी तुरंत डालना चाहिए और दो तीन मिनट तक ही पकाएँ.