पटना। कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही अंदरूनी खींचतान अब खुलकर सामने आने लगी है। इसी उथल-पुथल के बीच बुधवार देर रात राजनीति का माहौल तब गर्म हो गया। जब डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार अचानक जनसेवा मंत्री और सीएम सिद्दारमैया के सबसे करीबी सतीश जरकीहोली के घर पहुंच गए। तीन घंटे से भी ज्यादा चली इस बंद कमरे की मीटिंग ने राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है।
मायने तलाशने में जुटा
लंबे समय से एक-दूसरे के साथ ठंडी तकरार में रहे दोनों नेताओं की यह अनपेक्षित मुलाकात तड़के तक चलती रही। ऐसे समय में जब सत्ता संतुलन और नेतृत्व को लेकर कांग्रेस के भीतर असहमति की चर्चाएं तेज हैं, यह मुलाकात कई राजनीतिक संदेश छोड़ गई है। अब पार्टी के भीतर नए समीकरण बनने की अटकलें तेज हैं और हर कोई इस मीटिंग के मायने तलाशने में जुटा है।
यह लोकतंत्र पर खतरा
वहीं इस मामले में बिहार के RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कर्नाटक के घटनाक्रम पर कांग्रेस आलाकमान की नजर है। वह(कर्नाटक) कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का गृह राज्य है। वहां सब ठीक है। भाजपा कर्नाटक में भी खेल करना चाहती है। यह लोकतंत्र पर खतरा है।
कांग्रेस के संगठन को कमजोर किया
JDU नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा डी.के. शिवकुमार (कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री) और सिद्धारमैया (कर्नाटक के मुख्यमंत्री) के बीच का टकराव शुरू से जारी है। राहुल गांधी की उदासीनता के कारण अब यह कहीं न कहीं विस्फोट की शक्ल ले रहा है। हालात ऐसे बन रहे हैं कि यह सरकार कभी भी गिर सकती है। राहुल गांधी के पास वक्त नहीं है। उन्होंने इसी तरह पूरे देश में कांग्रेस के संगठन को कमजोर किया है।
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