कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने भोपाल सहित पूरे प्रदेश में पेड़ों की कटाई और ट्रांसप्लांटेशन के मुद्दे पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। कोर्ट ने साफ कहा कि बिना ठोस नीति के “ट्रांसप्लांटेशन” के नाम पर पेड़ों को काटा नहीं जा सकता। रेलवे के विभिन्न प्रोजेक्ट्स के नाम पर 8,000 से ज्यादा पेड़ काटने की तैयारी चल रही है। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि NGT द्वारा गठित संयुक्त कमेटी की अनुमति के बिना एक भी पेड़ नहीं काटा जाएगा।
READ MORE: सीहोर VIT यूनिवर्सिटी मामला: एक्शन मोड में सीएम डॉ मोहन, प्रभारी मंत्री को तुरंत भेजा कैंपस, हॉस्टल-मेस की समस्या पर हाईलेवल जांच के आदेश
कोर्ट की अहम टिप्पणी
जस्टिस ने कहा,“आप लोग बहुत खुशनसीब हैं कि मध्य प्रदेश में रहते हैं। आप दूसरे राज्यों में जाकर देखिए, वहां प्रदूषण की क्या स्थिति है।” कोर्ट ने पहले भी स्वतः संज्ञान लेते हुए भोपाल में 488 पेड़ों की कटाई पर लगातार सुनवाई कर रहा है। वहीं भोजपुर-बैरसिया सड़क निर्माण के लिए सैकड़ों पेड़ काटने का मामला भी कोर्ट के समक्ष है। MLA क्वार्टर योजना के लिए कितने पेड़ काटे गए और कितने काटे जाने प्रस्तावित हैं, इसकी जानकारी मांगी गई है।
कोर्ट ने सवाल उठाया कि वृक्षारोपण की क्या ठोस योजना है?
कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि “विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई को जायज नहीं ठहराया जा सकता।”अब हर प्रोजेक्ट में पेड़ कटाई से पहले NGT कमेटी की अनुमति अनिवार्य होगी। कोर्ट ने सभी संबंधित विभागों को सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें

