कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर हाइकोर्ट ने ऑक्सीटॉसिन इंजेक्शन के दुरुपयोग से जुड़ी अवमानना याचिका पर सुनवाई की। फल, सब्जियां और चूजों में मिलावट न रोकने में के मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रमुख सचिव सहित कलेक्टर ग्वालियर को न्यायालय अवमानना  का नोटिस जारी किया है।

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दरअसल ग्वालियर हाईकोर्ट ने 12 साल पहले ऑक्सीटॉसिन इंजेक्शन के दुरुपयोग पर रोक लगाई थी। इस इंजेक्शन का फल सब्जियों और पोल्ट्री फार्म के चूजों में उपयोग प्रतिबंधित किया था। इसके बावजूद इसके हों रहे उपयोग के कारण एक अवमानना याचिका में ग्वालियर में दायर की गई। हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रमुख सचिव संदीप यादव, कलेक्टर ग्वालियर रुचिका चौहान को न्यायालय अवमानना के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

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मिलेनियम प्लाजा के रहने वाले बीपी सिंह राजावत ने एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया के माध्यम से हाई कोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर की। जिसमे बताया गया कि फल और सब्जियां में यहां तक कि पोल्ट्री फार्म के चूजों को जल्दी बड़ा करने और उनका वजन बढ़ाने के लिए ऑक्सीटॉसिन इंजेक्शन का दुरुपयोग किया जा रहा है। ऑक्सीटॉसिन इंजेक्शन सामान्य रूप से हर जगह उपलब्ध है, इसके संबंध में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट खंडपीठ ग्वालियर में एक जनहित याचिका में बीती 06 सितम्बर 2013 को पारित आदेश में सरकार को आदेशित किया कि बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के ऑक्सीटॉसिन इंजेक्शन की बिक्री पर रोक लगाई जाए और यह सुनिश्चित किया जाए की फल सब्जियों और चूजों का वजन आकार बढ़ाने के लिए इसका दुरुपयोग न हो पाए। सरकार द्वारा हाई कोर्ट के इस आदेश का पालन नहीं कराया जा रहा है, जिसके चलते अब हाईकोर्ट ने यह नोटिस जारी किया है।

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