अमृतसर. सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर विवाद पर केंद्र सरकार ने अब खुलकर मध्यस्थता से साइड लाइन होकर किनारा कर लिया हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री को अलग-अलग पत्र लिखकर कहा है कि दोनों राज्य आपस में बातचीत कर के SYL मुद्दे का समाधान करें।
पत्र में मंत्री ने 5 अगस्त 2025 को हुई बैठक का हवाला देते हुए लिखा हैं कि इस बैठक में दोनों राज्यों ने सकारात्मक पहल की और आगे बढ़ने पर सहमति जताई थीं। इसलिए अब दोनों राज्यों को प्रस्तावित योजनाओं पर आपस में चर्चा शुरू करनी चाहिए। सूत्रों के अनुसार, पंजाब में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा नीत केंद्र सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर कोई बड़ा राजनीतिक जोखिम नहीं लेना चाहती हैं।
यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्र की अगुवाई में हुई पांच दौर की बैठकों के बावजूद कोई ठोस नतीजा न निकलने के बाद अब केंद्र ने जिम्मेदारी दोनों राज्यों पर डाल दीं है।

क्या हैं SYL विवाद
- कुल 214 किलोमीटर लंबी SYL नहर बननी है।
- इसमें 112 किमी हिस्सा पंजाब में और 92 किमी हिस्सा हरियाणा में बनना है ।
- हरियाणा ने अपना पूरा हिस्सा बना लिया है।
- पंजाब में इस परियोजना को लेकर दशकों से राजनीतिक और सामाजिक विवाद चल रहा है।
- पंजाब का कहना है कि उसके पास अतिरिक्त पानी नहीं है, जबकि हरियाणा अपने हिस्से का हक मांग रहा हैं।
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