अब अगले साल अप्रैल के महीने से क्रेडिट स्कोर अपडेट होने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों (CICS) को हर 7 दिन में क्रेडिट स्कोर अपडेट करना होगा। अभी स्कोर 15 दिन में एक बार अपडेट होता है। RBI ने इसे लेकर बीते दिनों ड्राफ्ट जारी किया था। RBI के प्रस्ताव के अनुसार, अब सिबिल और एक्सपीरियन जैसी सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों हर महीने डेटा पांच बार अपडेट करेंगी। ये अपडेट हर महीने की 7 तारीख, 14 तारीख, 21 तारीख, 28 तारीख और महीने की आखिरी तारीख को किए जाएंगे।
नया सिस्टम कैसे काम करेगा?
बैंकों को हर महीने की आखिरी तारीख तक की पूरी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन फाइल अगले महीने की 3 तारीख तक सभी CICs को जमा करना होगी। उदाहरण के लिए, 31 अक्टूबर 2025 तक का पूरा डेटा बैंक को 3 नवंबर 2025 तक CICs को देना होगा। इस फाइल में बैंक के पास मौजूद सभी एक्टिव खाते शामिल होंगे। वो खाते भी शामिल होंगे जिनमें ग्राहक और बैंक के बीच रिश्ता पिछले रिपोर्टिंग साइकिल के बाद खत्म हो चुका है। वहीं महीने के अंदर होने वाले वीकली सबमिशन (यानी 7, 14, 21 और 28 तारीख तक का क्रेडिट डेटा) में बैंक सिर्फ इंक्रीमेंटल डेटा ही CICs को देंगे, पूरा फाइल नहीं।
इस इंक्रीमेंटल डेटा में ये चीजें शामिल होंगी:
पिछले रिपोर्टिंग के बाद से खुले नए खाते। इसके अलावा ऐसे खाते जिनमें बैंक और कस्टमर का रिश्ता खत्म हो गया है।
जिन खातों में कस्टमर की तरफ से कोई बदलाव आया हो जैसे किस्त चुकाना, पता-नाम बदलना, गारंटर बदलना वगैरह।
जिन खातों की एसेट क्लासिफिकेशन बदला हो जैसे SMA-0 से SMA-1, SMA-2 से सबस्टैंडर्ड होना वगैरह।
ये सारा इंक्रीमेंटल डेटा बैंक को ऊपर बताई तारीखों से सिर्फ 2 दिन के अंदर CICs को जमा करना होगा। मिसाल के तौर पर 7 तारीख तक का नया डेटा 9 तारीख तक, 14 तारीख तक का डेटा 16 तारीख तक, और इसी तरह आगे भी।
अगर कोई बैंक इन डेटा जमा करने की समय-सीमा का पालन नहीं करता है, तो CICs को इसकी रिपोर्ट RBI के डिपार्टमेंट ऑफ सुपरविजन को DAKSH पोर्टल पर करनी होगी। ये रिपोर्ट हर छह महीने में जमा करनी है। यानी 31 मार्च और 30 सितंबर को।
क्रेडिट इन्फॉर्मेशन का तेज अपडेट होना कैसे फायदा देगा?
आज की तारीख में CICs कस्टमर का क्रेडिट डेटा हर 15 दिन में अपडेट करते हैं। लेकिन RBI के नए निर्देश के मुताबिक अप्रैल 2026 से ये अपडेट हर 15 दिन की बजाय हर हफ्ते होने लगेंगे। ये साप्ताहिक अपडेट बैंक और कर्ज लेने वाले दोनों को फायदा पहुंचाएगा।
कर्ज लेने वाले को फायदा: अगर किसी ने पिछले अपडेट के बाद अपनी EMI समय पर चुकाई और स्कोर बढ़ गया, तो वो नया स्कोर तुरंत रिफ्लेक्ट हो जाएगा। इससे वो क्रेडिट कार्ड आसानी से ले पाएगा। अच्छा स्कोर होने पर कर्ज सस्ते ब्याज पर मिल जाएगा।
बैंकों को फायदा: जब क्रेडिट डेटा हर हफ्ते अपडेट होगा तो बैंक के पास कस्टमर का सबसे ताजा क्रेडिट स्कोर होगा। लोन देते समय बैंक को सही और लेटेस्ट जानकारी मिलेगी। इससे बैंक को रिस्क का सही-सही आकलन करने में मदद मिलेगी।
अब जानिए क्रेडिट स्कोर होता क्या है…
क्रेडिट स्कोर एक 3 अंकों की संख्या (300 से 900 तक) होती है जो ये बताती है कि आप कितने भरोसेमंद उधारकर्ता हैं। भारत में मुख्य रूप से सिबिल स्कोर ही क्रेडिट स्कोर कहलाता है। इसे ट्रांसयूनियन सिबिल जारी करती। अन्य ब्यूरो जैसे इक्विफैक्स भी स्कोर देते हैं।
300–550 → बहुत खराब
550–650 → औसत
650–750 → अच्छा
750–900 → बहुत अच्छा/उत्तम
ये स्कोर आपके लोन चुकाने के इतिहास, क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट, कितना कर्ज है, कितने साल से क्रेडिट इस्तेमाल कर रहे है आदि के आधार पर बनता है। जितना ऊंचा स्कोर, उतना आसानी और सस्ता लोन/क्रेडिट कार्ड मिलता है।
सिबिल स्कोर कैसे चेक करें?
सिबिल स्कोर आधिकारिक सिबिल वेबसाइट www.cibil.com पर फ्री में देखा जा सकता है। लेकिन, यह सुविधा साल में सिर्फ एक बार मिलती है। एक से ज्यादा बार सिबिल वेबसाइट से सिबिल स्कोर चेक करने के लिए 550 रुपए का मासिक सब्सक्रिप्शन प्लान लेना पड़ता है। इसके अलावा कई बैंकिंग सर्विस एग्रीगेटर्स भी सिबिल स्कोर चेक करने की सुविधा देते हैं।
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