शिखिल ब्यौहार, भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में तीन नए बाघों का आगमन हुआ है। इसके साथ ही यहां बाघों की कुल संख्या बढ़कर 14 हो गई है। मध्य प्रदेश वन विभाग ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने और कमजोर शावकों की सुरक्षा के लिए यह बड़ा कदम उठाया है।
सतपुड़ा से आया “समस्याग्रस्त” बाघ
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से एक वयस्क नर बाघ को पकड़कर वन विहार लाया गया है। यह बाघ बार-बार मानव बस्तियों में घुसने की आदत डाल चुका था, जिससे ग्रामीणों में दहशत थी। वन विभाग ने इसे जंगल में छोड़ना जोखिम भरा माना और स्थायी रूप से वन विहार में नियंत्रित वातावरण में रखने का फैसला किया।
पेंच के दो शावक भी वन विहार में
पेंच टाइगर रिजर्व से दो बाघ शावकों को भी भोपाल वन विहार लाया गया है। इनमें से एक शावक को रैक्टल प्रोलैप्स की गंभीर बीमारी थी, जिसकी सर्जरी सफल रही, लेकिन जंगल में जीवित रहने की क्षमता नहीं बची। दूसरा शावक भी मां से बिछड़ गया था और अकेले सर्वाइवल करना उसके लिए असंभव था। वन विहार अब मध्य भारत का सबसे बड़ा बाघ रेस्क्यू सेंटर बनता जा रहा है, जहां वर्तमान में 14 बाघ-बाघिन रह रहे हैं।
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