Devendra Fadnavis Vs Eknath Shinde: महाराष्ट्र की सत्ता बीजेपी और शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट मिलकर चला रहे हैं। हालांकि दोनों पार्टियों की ये दोस्ती महाराष्ट्र निकाय चुनाव (Maharashtra civic elections) में दड़क गई है। महाराष्ट्र में हो रही शहरी निकाय चुनाव अब सीएम देवेंद्र फडणवीस Vs डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे हो गया है। कई सीटों पर बीजेपी और शिवसेना (BJP and Shiv Sena) एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। बात सिर्फ लड़ने तक ही सिमिट नहीं है।
महाराष्ट्र के 288 स्थानीय निकाय चुनाव के जरिए राजनीतिक दल कस्बे और छोटे शहरों में अपना कब्जा जमाना चाहते हैं, जिसके चलते महायुति के घटक दलों की दोस्ती सियासी दुश्मनी में बदल गई है। सीएम फडणवीस और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे के बीच शह-मात का खेल ही नहीं, बल्कि हमलावर भी हो गए हैं। इस तरह से शहरी निकाय चुनाव की लड़ाई ‘लंका जलाने’ से ‘रावण, रामभक्त’ और ‘बैड ब्वॉय’ तक पहुंच गई है।
महाराष्ट्र में स्थानीय शहरी निकायों के चुनाव का ऐलान होते ही महायुति के तीनों दलों के बीच मनमुटाव हो गया है, क्योंकि कोई भी दल अपनी सियासी जमीन नहीं छोड़ना चाहता है। महायुति के तीनों दलों के कार्यकर्ता इन छोटे चुनावों में अपना भाग्य आजमा रहे हैं, जिसका दबाव भी उन पर है। बीजेपी के कुछ नेताओं को शिंदे ने अपने साथ मिलाया तो कुछ शिवसेना नेताओं को फडणवीस ने बीजेपी के टिकट पर उतार दिया। इस तरह फडणवीस और एकनाथ शिंदे एक-दूसरे की घेराबंदी करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इतना ही नहीं, एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर हमले भी कर रहे हैं।
‘लंका-रावण-रामभक्त हनुमान’ तक बात पहुंची
मुंबई से सटे पालघर में दहानू नगर परिषद चुनाव में बीजेपी और शिवसेना के बीच सीधी फाइट है। इसके चलते दोनों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। पिछले हफ्ते दहानू में शिवसेना प्रत्याशी के लिए प्रचार करने पहुंचे एकनाथ शिंदे ने बीजेपी को अहंकारी, रावण जैसा बताते हुए कहा था कि रावण भी अहंकारी था, इसलिए उसकी लंका जली। दो दिसंबर को दहानू की जनता भी वैसा ही करेगी।
एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैं सिर्फ ये कहना चाहता हूं कि आप एक अहंकारी के खिलाफ एक साथ आए हो। अहंकार में रावण की लंका जलकर खाक हो गई और 2 तारीख को आपको यही काम करना है। बीजेपी का नाम लिए बगैर जमकर हमले किए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उसी दहानू में एकनाथ शिंदे पर पलटवार किया है। शिंदे के रावण वाले तंज पर फडणवीस ने कहा कि जो लोग हमारे बारे में बुरा बोलते हैं, उन्हें नजरअंदाज करें। वे कह सकते हैं कि वे हमारी लंका जला देंगे, लेकिन हम तो लंका में नहीं रहते। हम राम के भक्त हैं, रावण के नहीं। चुनाव में ऐसी बातें होती हैं, इन्हें दिल पर न ले।
फडणवीस ने कहा कि हम जय श्री राम वाले लोग हैं। अयोध्या में धर्म ध्वजा फहरा दी गई है। हमारा उम्मीदवार भरत है और भरत राम का भाई। लंका तो वैसे भी भरत ही जलाएगा, अगर विकास विरोधी ताकतें सामने आएंगी। इस तरह फडणवीस ने शिंदे का नाम लिए बगैर तंज कसा और अपने कार्यकर्ताओं को सीधे संदेश दिया।
महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस आमने-सामने
सीएम फडणवीस ने भले ही एकनाथ शिंदे का नाम नहीं लिया, लेकिन सियासी विश्लेषक इसे शिंदे बनाम फडणवीस के बीच जारी लड़ाई से जोड़कर देख रहे हैं। दहानू नगर परिषद सीट पर बीजेपी और शिवसेना की सीधी लड़ाई है, जिसके लिए फडणवीस और शिंदे के बीच जुबानी जंग चल रही है। शिंदे-फडणवीस की खटास नई नहीं है, लेकिन अब मंच से खुलकर दिखने लगी है, क्योंकि स्थानीय निकाय चुनाव को दोनों ने अपनी नाक का सवाल बना लिया है। कल्याण-डोंबिवली में फडणवीस ने शिंदे के बेटे श्रीकांत के करीबी नेता को बीजेपी में शामिल कर लिया। इसके जवाब में शिंदे ने भी बीजेपी के कई पार्षदों को अपने साथ मिलाकर चुनाव मैदान में उतार रखा है।
246 नगर पालिकाओं और 42 नगर पंचायत चुनाव के लिए दो दिसंबर को मतदान
बता दें कि राज्य की 246 नगर पालिकाओं और 42 नगर पंचायत चुनाव के लिए दो दिसंबर को मतदान है। इन 288 शहरी निकाय चुनाव में 6,859 पार्षद चुने जाने हैं और 288 नगर अध्यक्षों का भी चुनाव होना है। हालांकि, करीब 100 पार्षद पहले निर्विरोध चुने जा चुके हैं, जिसमें बीजेपी का पलड़ा भारी रहा है।
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