Bihar News: बिहार चुनाव में महागठबंधन को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस और राजद में लगातार बैठकों का दौर जारी है। पार्टी के नेता लगातार इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि किन कारणों से उन्हें विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। वहीं, अब राजद और कांग्रेस के गठबंधन के भविष्य पर भी चर्चा होने लगी है। इस बीच राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल का बड़ा बयान सामने आया है।
‘गठबंधन के पक्ष में नहीं थे वर्कर’
एक मीडिया चैनल से बात करते हुए मंगनी लाल मंडल ने कहा कि, पार्टी के वर्कर गठबंधन के पक्ष में नहीं थे। तेजस्वी यादव और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने कहा कि सबके साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए। तेजस्वी ने बड़ा दिल दिखाया और कांग्रेस को 61 सीटें दीं। कांग्रेस अड़ गई और उसने चुनाव में जगह-जगह हमारे अधिकृत उम्मीदवार थे, उसके खिलाफ उम्मीदवार खड़ा कर दिया।
उन्होंने कहा कि, अगर उन्होंने (कांग्रेस) अलग रहने का फैसला किया है तो अच्छा है। हम उसका स्वागत करते हैं, अलग रहकर चुनाव लड़ें, जो लड़ेगा उसको उसकी ताकत का पता चल जाएगा।
हार का एक कारण कांग्रेस भी है- मंगनी लाल
वहीं, जब उनसे यह पूछा गया की महागठबंधन की करारी हार के पीछे क्या कांग्रेस एक वजह है। इसपर मंगनी लाल मंडल ने कहा कि, कांग्रेस भी एक कारण है। महागठबंधन का जो निर्णय हुआ उस पर हमें पछतावा नहीं है। कांग्रेस को पछतावा है। कांग्रेस अब कहती है कि अकेले लड़ेंगे तो कांग्रेस को मुबारक है। हमारी पार्टी ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
75 से 25 पर सिमटी राजद
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को बुरी हार का सामना करना पड़ा था। 2020 में 75 सीटों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनने वाली राजद इस बार महज 25 सीटों पर सिमट कर रह गई। वहीं, 61 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस के खाते में केवल 6 सीटें ही आईं, जबकि महागठबंधन में डिप्टी सीएम पद के उम्मीदवार मुकेश सहनी की वीआईपी का खाता तक नहीं खुल पाया।
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