सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस बार बीएससी नर्सिंग की लगभग आधी से ज्यादा सीटें खाली रह गई हैं। प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में कुल 7811 सीटें हैं, जिनमें से काउंसलिंग के दोनों राउंड पूरा होने के बाद भी 4147 सीटें लगभग 53% पूरी तरह खाली पड़ी हैं।

इतनी बड़ी संख्या में सीटें खाली रहने से नर्सिंग कॉलेज और छात्र-छात्राएं दोनों परेशान हैं। मुख्य वजह बताई जा रही है – इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) ने निर्धारित पर्सेंटाइल कटऑफ सामान्य वर्ग के लिए 50 पर्सेंटाइल और आरक्षित वर्ग के लिए 40 पर्सेंटाइल है।

चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने भारतीय नर्सिंग परिषद के सचिव को औपचारिक पत्र लिखकर दो बड़ी राहत मांगी है। जो इस प्रकार हैं-

  1. सत्र 2025-26 के लिए पर्सेंटाइल की बाध्यता पूरी तरह खत्म कर शून्य पर्सेंटाइल कर दी जाए।
  2. प्रवेश की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई जाए।

पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी बाहुल्य राज्य में छात्रों के लिए 50 या 40 पर्सेंटाइल लाना बेहद मुश्किल होता है। हर साल यही होता है कि पहले पर्सेंटाइल की वजह से सीटें खाली रहती हैं, फिर बाद में INC और राज्य सरकार मिलकर पर्सेंटाइल घटाती हैं और सीटें भर जाती हैं।

नर्सिंग एसोसिएशन ने भी की पुरजोर मांग

छत्तीसगढ़ निजी नर्सिंग महाविद्यालय संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि हर साल बीएससी नर्सिंग की सभी सीटें भर जाती हैं, लेकिन इस बार दिवाली के ठीक दिन प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई। त्योहार की वजह से हजारों बच्चे आवेदन और काउंसलिंग में शामिल नहीं हो पाए। जो बच्चे 12वीं में 45% सामान्य और 40% आरक्षित अंक लाकर INC की मूल पात्रता पूरी कर चुके हैं, उन्हें सिर्फ पर्सेंटाइल की वजह से मौका नहीं मिला।

अब तक का आंकड़ा

कुल सीटें- 7811
खाली सीटें – 4147
प्रतिशत – करीब 53% सीटें खाली

अगर INC प्रस्ताव स्वीकार कर लेता है तो हजारों छात्र-छात्राओं को मौका मिलेगा और नर्सिंग कॉलेजों की सीटें भी भर जाएंगी। फिलहाल सभी की निगाहें इंडियन नर्सिंग काउंसिल के अगले फैसले पर टिकी हैं।