पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में हार मिलने के बाद महा गठबंधन के सहयोगी दल एक दूसरे पर आरोप मढ़ने लगे है। जहां कुछ दिन पहले राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने असफलता का कारण कांग्रेस को बताया तो वहीं कांग्रेस संगठन के नेता इसे नाकार रहे हैं। चुनाव में मिली करारी हार के बाद बिहार कांग्रेस ने सोमवार को पटना स्थित सदाकत आश्रम में अपनी पहली बड़ी समीक्षा बैठक की। प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की अगुवाई में हुई इस बैठक में संगठन की कमजोरियों से लेकर आगे की रणनीति समेत हर मुद्दे पर खुलकर चर्चा हुई।
इस कारण हुई हार
बैठक के बाद राजेश राम ने माना कि सीट बंटवारे में तालमेल की कमी ने पार्टी को भारी नुकसान पहुंचाया। उन्होंने साफ कहा कि कोऑर्डिनेशन में देरी हमारी हार का बड़ा कारण बनी। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि महागठबंधन की साझेदारी सिर्फ चुनाव तक सीमित थी और अब अगला गठबंधन भविष्य का मुद्दा है।
जानें क्या बोले राजेश राम
राजेश राम ने यह भी कहा कि हार सिर्फ कांग्रेस की नहीं, बल्कि गठबंधन की सामूहिक हार है। उन्होंने सवाल किया कि जब राजद खुद 147 सीटों में से सिर्फ 25 पर जीत सकी तो दोष केवल कांग्रेस पर कैसे लगाया जा सकता है? उनका कहना था कि कांग्रेस में नेता और कार्यकर्ता खुलकर अपनी बात रखते हैं जो दूसरी पार्टियों में देखने को नहीं मिलता।
संगठन को नए सिरे से खड़ा करेगी
बैठक में यह भी तय किया गया कि पार्टी अब बिहार के हर जिले में जाकर संगठन को नए सिरे से खड़ा करेगी। जिला अध्यक्षों से ग्रुप में फीडबैक लिया गया ताकि यह पता चल सके कि जमीनी स्तर पर कहां चूक हुई। वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान ने बताया कि आगामी रोडमैप पर भी विस्तार से चर्चा हुई और आगे की रणनीति को लेकर टीम बनाई जा रही है।
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