पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सेहत की अफवाहों के बीच हजारों पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थक रावलपिंडी के आदियाला जेल के बाहर जुड़ गए हैं, जबकि पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने प्रदर्शन को रोकने के लिए पूरे रावलपिंडी में धारा 144 लगा दी है। इसके बावजूद इमरान के समर्थक भारी संख्या में रावलपिंडी पहुंच रहे हैं। वहीं, पाकिस्तानी सरकार ने खैबर पख्तूनख्वा (केएपी) में राष्ट्रपति शासन (गवर्नर रूल) लगाने की कवायद तेज कर दी है। बता दें कि, जब से अफगानी मीडिया की ओर से पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की हत्या की खबर सामने आई है तभी से पाकिस्तान में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। इमरान समर्थक लगातार उनकी सेहत को लेकर चिंतित हैं। इमरान का परिवार लगातार जेल प्रशासन से उन्हें इमरान से मुलाकात करवाने की बात कह रहा है।
रातों-रात विदेश दौरे से लौटे पीएम शहबाज शरीफ
बता दें कि, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने संसद के दोनों सदनों की आज यानि 2 दिसंबर को आपात बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए यह बैठक बुलाई गई है। वहीं विदेश यात्रा पर गए पीएम शहबाज शरीफ दौड़े-दौड़े सोमवार रात को इस्लामाबाद वापस आ गए हैं। माना जा रहा है कि इस संसद सत्र में पाकिस्तान-अफगानिस्तान संबंध, सीमा ऑपरेशन और बलूचिस्तान तथा खैबर पख्तूनख्वा इलाके में सुरक्षा चिंता समेत राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों पर रणनीति बनाई जाएगी। वहीं शीर्ष खुफिया सूत्रों का कहना है कि संसद की इस आपात बैठक के पीछे फील्ड मार्शल असीम मुनीर का हाथ है।
रिपोर्ट के मुताबिक मुनीर जरदारी के साथ मिलकर एक नया कमांड ढांचा बनाना चाहते हैं। यह पूरी सुनियोजित कोशिश है कि इमरान खान की पार्टी पीटीआई के शासन वाले खैबर पख्तूनख्वा में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। सूत्रों का कहना है कि खैबर प्रांत में राष्ट्रपति शासन लागू करके पाकिस्तानी सेना तालिबान के हाथों शर्मिंदगी से बचना चाहती है। उन्होंने कहा कि शहबाज शरीफ का आनन-फानन में वापस आना, असीम मुनीर को लेकर नोटिफिकेशन जल्द ही आना और संसद की बैठक बुलाना एक समन्वित प्रयास का हिस्सा है।
इमरान खान की पार्टी को सत्ता से हटाने की तैयारी
जरदारी, मुनीर और शहबाज शरीफ तीनों ही खैबर प्रांत में इमरान खान की पार्टी से निपटने पर रणनीति बनाएंगे। इसके अलावा गाजा में सेना की तैनाती, अमेरिका के साथ खनिज डील जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी। माना जा रहा है कि इस बैठक में खैबर प्रांत में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद वहां क्या ढांचा काम करेगा, इस पर चर्चा होगी। इसके अलावा यह भी चर्चा है कि अगले 24 घंटे में चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि संसद के जरिए इन सभी कदमों को मान्यता देने की तैयारी है। शहबाज शरीफ चाहती है कि संसद के नाम पर राजनीतिक विवाद से बचा जाय और इमरान खान की पार्टी को खैबर से सत्ता से हटाया जाए। इससे शहबाज शरीफ सरकार दुनिया में होने वाली थू-थू से बच जाएगी। इमरान खान को लेकर हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने भी सवाल उठाया था। खैबर में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान से जारी विवाद को जानबूझकर जोड़ रही है। इमरान खान की पार्टी ने अपने नेता की सेहत को लेकर गंभीर सवाल उठाया है।
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