ओडिशा में 36वें कोणार्क महोत्सव और 15वें अंतरराष्ट्रीय रेत कला उत्सव की शुरुआत हो चुकी है. उद्घाटन ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने किया। इनके साथ सांस्कृतिक उत्सवों की भी शुरुआत हुई, जो राज्य की समृद्ध कला, नृत्य और मूर्तिकला परंपराओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत करते हैं।

उद्घाटन शाम की शुरुआत ओडिसी नृत्यांगना सोनाली मोहापात्र और नृत्य उपासना पीठ के कलाकारों की प्रस्तुति से हुई।

कोणार्क महोत्सव ओडिशा को सांस्कृतिक पर्यटन के केंद्र के रूप में भी स्थापित करता है। इसी तरह, अंतरराष्ट्रीय रेत कला उत्सव रेत मूर्तिकला को आधुनिक और पारंपरिक विषयों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाता है। दोनों ही आयोजन कलाकारों, पर्यटकों और संस्कृति प्रेमियों के लिए प्रेरणादायक मंच का कार्य करते हैं।

पर्यटन विभाग द्वारा ओडिशा संगीत नाटक अकादमी और ओडिशा टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (OTDC) के सहयोग से आयोजित इन दोनों उत्सवों का उद्देश्य राज्य की सांस्कृतिक विरासत को विश्व स्तर पर प्रचारित करना है। कोणार्क महोत्सव विश्वप्रसिद्ध सूर्य मंदिर की पृष्ठभूमि में आयोजित होता है, जहां भारत की विविध शास्त्रीय नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया जाता है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय रेत कला उत्सव चंद्रभागा समुद्र तट पर आयोजित होता है, जहां देश-विदेश के मूर्तिकार अपनी कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं।