दिल्ली सरकार अपने सभी दफ्तरों को एक ही परिसर में लाने की महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने के करीब है। ITO के पास प्रस्तावित ‘ट्विन टावर’ परियोजना के लिए आयकर विभाग से 4.5 एकड़ जमीन साझा करने की मंजूरी मिल चुकी है। इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री परवेश वर्मा ने बैठक की, जिसमें उनके विभाग के साथ आयकर विभाग के अधिकारियों ने भी ट्विन टावर से जुड़ी विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। जानकारी के अनुसार, नए सचिवालय के निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा की देखरेख में अधिकारियों ने विस्तृत अध्ययन किया था। मूल्यांकन में आईपी बस डिपो और आईटीओ क्षेत्र को सबसे उपयुक्त स्थान माना गया।

दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री परवेश वर्मा ने ट्विन टावर प्रोजेक्ट को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें पीडब्ल्यूडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) और प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त मौजूद थे। वर्मा ने X पर पोस्ट करते हुए बताया, “ट्विन टावर को लेकर आज ACS (PWD) और प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स के साथ बैठक हुई। दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।” उन्होंने कहा कि परियोजना से जुड़ी सभी प्रमुख बातों पर विस्तार से चर्चा की गई और समन्वित तथा प्रभावी तरीके से आगे के आवश्यक कदम उठाने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए।

आईटीओ पर सचिवालय बनाने की योजना में सरकार की दो प्रस्तावित इमारतों के बीच आयकर विभाग की इमारत आ रही थी। ट्विन टावर के निर्माण के लिए आयकर विभाग की यह जमीन दिल्ली सरकार को चाहिए, ताकि नए सचिवालय परिसर में जगह की कमी न रहे। बैठक के बाद आयकर विभाग ने कुछ शर्तों के साथ यह जमीन देने के लिए सहमति जताई है।

आयकर विभाग अपनी जमीन दिल्ली सरकार को हस्तांतरित करेगा, जिसके बदले सरकार विभाग के लिए नया दफ्तर तैयार कराएगी। अनुमान है कि दिल्ली सरकार को अपने सचिवालय के लिए करीब 12 लाख वर्गफुट जगह की जरूरत होगी, जबकि आयकर विभाग को लगभग 10 लाख वर्गफुट स्थान चाहिए। प्रस्तावित ट्विन टावर में कुल 30 लाख वर्गफुट से अधिक निर्मित क्षेत्र उपलब्ध होगा। सरकार शेष बची जगह को किसी अन्य सरकारी एजेंसी या पीएसयू को आवंटित या बेच सकती है।

अधिकारियों के अनुसार, यह प्रोजेक्ट आधुनिक आर्किटेक्चर का एक उत्कृष्ट नमूना बनेगा। दिल्ली सरकार के पास ITO क्षेत्र में पहले से ही विकास भवन और पीडब्ल्यूडी बिल्डिंग के रूप में लगभग 13 एकड़ भूमि है, जबकि इसके ठीक सामने आयकर विभाग की जमीन स्थित है। चूंकि यह पूरा क्षेत्र विकास मार्ग के दोनों ओर फैला है—एक तरफ विकास भवन/पीडब्ल्यूडी और दूसरी ओर आयकर भवन—इसीलिए सड़क के दोनों ओर दो टावर बनाने की योजना है। इन ट्विन टावरों को एक स्काईवॉक के माध्यम से जोड़ा जाएगा। शुरुआती अनुमान के अनुसार, इस परियोजना का कुल बिल्ट-अप एरिया करीब 30 लाख वर्गफुट होगा।

इस तरह तैयार होगा टावर

पीडब्ल्यूडी की इमारत एक ओर स्थित है, जबकि ठीक सामने दूसरी तरफ आयकर विभाग की इमारत है। आयकर भवन के पीछे विकास भवन मौजूद है। योजना के तहत दोनों ओर टावर बनाए जाएंगे और इन्हें एक स्काईवॉक के माध्यम से आपस में जोड़ा जाएगा। गौरतलब है कि फिलहाल दिल्ली सरकार का कामकाज दिल्ली सचिवालय से संचालित होता है, लेकिन कई विभागों के दफ्तर शहर के अलग-अलग इलाकों में फैले हुए हैं। प्रस्तावित ट्विन टावर प्रोजेक्ट का उद्देश्य मुख्यमंत्री, सभी मंत्रियों और विभागों के शीर्ष अधिकारियों को एक ही परिसर में लाना है। ज़रूरतें पूरी होने के बाद बिल्डिंग में बची हुई जगह को केंद्र सरकार की अन्य एजेंसियों को किराए पर देने की योजना भी है।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m

देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक

लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें

खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक