कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड से 226 करोड़ रुपये का टेंडर हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि कैलाश देवबिल्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने 220 केवी सब-स्टेशनों और 220 केवी विंड फार्म पुलिंग सब-स्टेशन बनाने का ठेका हासिल करने के लिए नोयडा की कंपनी इनॉक्सविंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड का फर्जी परफॉर्मेंस सर्टिफिकेट लगाया था।

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EOW की प्रारंभिक जांच में यह सर्टिफिकेट पूरी तरह फर्जी पाया गया। जब इनॉक्सविंड कंपनी से इसकी पुष्टि की गई तो उसने भी स्पष्ट कहा कि उसने कभी ऐसा कोई परफॉर्मेंस सर्टिफिकेट जारी नहीं किया। इसके बाद EOW ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कंपनी के निदेशक कैलाश शुक्ला, उनकी पत्नी सीमा शुक्ला और बेटे भानु शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अधिकारियों की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई है। 

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जांच में यह भी सामने आया है कि कंपनी ने इसी तरह के फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर पहले भी कई बड़े टेंडर हासिल किए थे या नहीं, इसकी भी पड़ताल की जा रही है। EOW के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी जल्द ही गिरफ्त में होंगे और फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले पूरे नेटवर्क को बेनकाब किया जाएगा।

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