राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। भोपाल गैस त्रासदी की बरसी पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा की गई। बरकातुल्लाह भवन में दिवंगत पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी गई। वहीं विभिन्न धर्मगुरुओं ने धर्मग्रंथों का पाठ किया। इस दौरान मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री भी मौजूद रहे। वहीं दो मंत्रियों ने त्रासदी की राजनीति से किनारा कर लिया।
भोपाल में 41 साल पहले ऐसी गैस त्रासदी हुई, जिसका जख्म आज भी ताजा है। इस खौफनाक त्रासदी की 41वीं बरसी पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। राजधानी के बरकातुल्लाह भवन में दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी गई। वहीं सभी धर्मों के धर्मगुरुओं ने ग्रंथों का पाठ किया। वहीं गैस पीड़ित संगठनों ने भारत टॉकीज अंडरब्रिज से जेपी नगर गैस मूर्ति तक रैली निकाली। इस दौरान पुतला ले जाने पर विवाद हो गया। जिसे पुलिस ने हटा लिया।
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गैस त्रासदी की राजनीति से मंत्रियों का किनारा
वहीं गैस त्रासदी की राजनीति से दो मंत्रियों ने किनारा कर लिया। जब ‘त्रासदी के जिम्मेदार कौन’ वाला सवाल पूछा तो मंत्रियों ने चुप्पी साध ली। राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने श्रद्धांजलि पर कहा कि मन व्यथित है। 41 साल बाद भी परिवारों के बीच गैस त्रासदी के निशान हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दुनिया में ऐसी कोई त्रासदी न आए।
विजय शाह ने कही ये बात
वहीं गैस राहत मंत्री विजय शाह ने कहा कि आज आरोप प्रत्यारोप का दिन नहीं है। हालांकि हमारी सरकार ने जहरीले कचरे का भय मन से खत्म कराया है। कुछ हद तक भय दूर करने का प्रयास किया है। आज ये राजनीति का विषय नहीं है।
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गौरतलब है कि साल 1984 में 2 और 3 दिसंबर की रात इतिहास के पन्ना में दर्ज हो गई। दरअसल, इस दिन यूनियन कार्बाइड की मिथाइल आइसोसाइनेट गैस ने हजारों लोगों की जिंदगियां छीन ली। इतना ही नहीं लाखों लोग तबाह हो गए। यह जख्म 41 साल के बाद भी नहीं भर सका है।
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