अजयारविंद नामदेव, शहडोल। एक ओर प्रदेश सरकार शासकीय अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के दावे करती है, वहीं दूसरी ओर कुछ लालफीताशाही अफसर और लापरवाह कर्मचारी इन दावों पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। इसका ताज़ा और चौंकाने वाला उदाहरण शहडोल जिले के बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला, जहां इलाज के लिए पहुंचे सिकलसेल पीड़ित मरीज को एक्स-रे टेक्नीशियन ने न सिर्फ अभद्र व्यवहार करते हुए भगा दिया, बल्कि धक्का देकर बाहर कर दिया। 

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धनपुरी वार्ड क्रमांक 2, सिद्दीकी कॉलोनी निवासी योगेंद्र महरा, जो लंबे समय से सिकलसेल जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, तबीयत बिगड़ने पर बुढ़ार CHC पहुंचे थे, ड्यूटी डॉक्टर डॉ. रवि पटेल ने स्थिति देखने के बाद उन्हें एक्स-रे कराने की सलाह दी। लेकिन जैसे ही मरीज एक्स-रे विभाग पहुंचा, वहां पदस्थ टेक्नीशियन राजेश पांडे ने कथित रूप से अभद्र भाषा का प्रयोग किया और मरीज को धक्का देकर बाहर निकाल दिया। पीड़ित युवक ने पूरी घटना का वीडियो अपने मोबाइल में कैद कर लिया, जो अब सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

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आहत मरीज ने बताया कि इस घटना की शिकायत सीएम हेल्पलाइन 181, स्थानीय डॉक्टरों, बीएमओ, सीएमएचओ और यहां तक कि कलेक्टर तक से की है। हैरानी की बात यह है कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री स्वयं इस जिले के प्रभारी मंत्री हैं, बावजूद इसके सरकारी अस्पतालों में मरीजों की ऐसी दुर्दशा हो रही है कि गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को भी इलाज के बिना ही वापस लौटना पड़ रहा है।

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